अपने भक्तों के बीच 'भगवान श्रीरजनीश' कहलाने वाले ओशो को लेकर उनकी शिष्या और प्रेमिका मां आनंद शीला ने अपनी किताब में चौंकाने वाली बातें लिखी हैं, लेकिन ओशो संन्यासियों का कहना है कि किताब के प्रचार के लिए यह झूठ गढ़ा गया है।
ओशो के आश्रम से 55 मिलियन डॉलर का घपला करने के बाद जेल की सजा काटने वाली शीला ने अपनी किताब 'डोंट किल हिम! ए मेम्वर बाई मा आनंद शीला' में अपने गुरु से जुड़े कई पहलुओं को सामने रखा है।
शीला ने अपनी किताब में लिखा है कि ओशो के आश्रम में अध्यात्म के नाम पर सेक्स की मंडी सजती थी। आश्रम के शिविरों में सबसे ज्यादा चर्चा भी सेक्स पर ही होती थी। भगवान ओशो अपने भक्तों को बताते थे कि सेक्स की इच्छा को दबाना कई कष्टों का कारण है, इसलिए सेक्स की इच्छा को दबाना नहीं चाहिए।
शील ने लिखा, भगवान के उपदेशों पर चलते हुए उनके सभी शिष्य बिना किसी हिचकिचाहट और नैतिक दबाव के चलते आश्रम में खुलेआम सेक्स करते थे। आश्रम का हर संन्यासी एक महीने में करीब 90 लोगों के साथ सेक्स करता था।
किताब के मुताबिक भगवान ओशो एक बिजनेस मैन थे। उनके आश्रम के हर हिस्से से आय होती थी। उनके प्रवचन सुनने के लिए आश्रम में प्रवेश शुल्क लगता था। आश्रम में चिकित्सकों का एक ग्रुप भी कार्यरत था, जो मरीजों को देखते थे।
किताब के मुताबिक चिकित्सा सेवा के साथ-साथ आश्रम के अंदर बुफे में खान-पान की भी व्यवस्था थी। आश्रम में आने वाले लोग अपनी इच्छानुसार खाना लेकर भुगतान करते थे। इसके अलावा आश्रम में कई दूसरी शुल्क आधारित सेवाएं भी चलती थीं।
शीला के मुताबिक आश्रम के संन्यासी भगवान ओशो से इतने प्रभावित थे कि अपनी परवाह किए बिना सेक्स करते थे। धीरे-धीरे कुछ संन्यासियों को बीमारियों ने जकड़ लिया। आश्रम के संन्यासी बुखार, सर्दी और इंफेक्शन के साथ साथ सेक्स से होने वाले रोगों से पीड़ित रहते थे।
आश्रम में चारों तरफ गंदगी का माहौल था। इसके बावजूद भगवान लगातार अपने भक्तों को सेक्स की इच्छा दबाने के विरुद्ध उपदेश देते थे, इसलिए आश्रम के संन्यासी बेफिक्र होकर सेक्स करते थे।
शीला ने किताब में लिखा, 'मुझे यह देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि पूरे दिन काम में लगे रहने के बावजूद संन्यासी सेक्स के लिए समय और ऊर्जा निकालते थे। एक दिन मैंने एक संन्यासी से इस बारे में पूछा तो उसने मुझे बताया कि वो हर दिन तीन अलग-अलग महिलाओं के साथ सेक्स करता है। गंदगी में रहने के कारण संन्यासियों की हालत ज्यादा खराब होने लगी और धीरे-धीरे आश्रम के अस्पताल के सभी बेड भर गए।
इस खुलासे के मुताबिक ओशो रॉल्स रॉयस गाड़ियों के शौकीन थे। उनके पास लगभग सौ रॉल्स रॉयस कारें थीं।
वहीं ओशो के समर्थकों का कहना है की शीला द्वारा ओशो पर लगाए गए आरोप गलत है, ओशो के विचार बिलकुल अलग थे, उनके यहां वह सबको कुछ स्वीकार करते थे। इतने सालों बाद इस तरह की बात उठाने का मकसद क्या है? (एजेंस ी)