दुर्भाग्य से यह आवाज कभी-कभार ही सुनाई देती है, लेकिन पाकिस्तान आए दिन कश्मीर का राग आलापता रहता है। जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर कभी भारत के ही एक राज्य जम्मू-कश्मीर का हिस्सा था, आज वह पाकिस्तान के कब्जे में है। वहां से अब पाकिस्तान आतंक का व्यापार चलाता है। वहां के शिविरों में प्रशिक्षित होकर, प्रेरित होकर आतंकवादी कभी कसाब के रूप में मुंबई को निशाना बनाते हैं, तो कभी अफजल के रूप में संसद पर हमला करते हैं।
... और हमारे 'तारणहार' दिल्ली में किसी भी हमले पर सिर्फ यह प्रतिक्रिया देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं, यह कायरतापूर्ण है, हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। हर बार की तरह परिणाम फिर वही 'ढाक के तीन पात'।
खैर, नेताओं से उम्मीद ज्यादा नहीं की जा सकती। बात पीओके की है या यूं कहें कि भारत के ही एक हिस्से की है, जिस पर पाकिस्तान ने बलात कब्जा कर रखा है। इतना ही नहीं अब तो वहां चीन की आमद-रफ्त भी बढ़ गई है। जो निश्चित ही हमारी सुरक्षा के लिए चुनौती है, चिंता की बात है ।
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अखंड भारत : प्राचीन भारत की सीमाएं ईरान से बर्मा तक फैली हुई थीं। किसी समय अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान, तिब्बत, श्रीलंका अखंड भारत का ही हिस्सा थे। भारत आखिरी बार 14 अगस्त, 1947 को टूटा, जिसका एक हिस्सा पाकिस्तान बना। बाद में पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश बना।
क्या कहा था जिन्ना ने : भारत विभाजन के बारे में पाकिस्तान के जनक और कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा था- भारत के विभाजन का बीज तो उसी दिन ही पड़ गया था जब प्रथम हिन्दू इस्लाम में दीक्षित हुआ था। ...और इसी अलगाववादी सोच का नतीजा पाकिस्तान के रूप में सामने आया।
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और क्या कहा था महर्षि अरविन्द ने : यह राष्ट्रधर्म के साथ पैदा हुआ, उसके साथ वह चलता है और उसी के साथ वह बढ़ता है। जब सनातन धर्म का क्षरण होता है, तब राष्ट्र का क्षरण होता है ।
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