* नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को ट्वीट कर बधाई दी और बिहार के विकास में हरसंभव सहयोग देने का भरोसा भी दिया ।
* नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। राष्ट्रपति ने औपचारिक न्योता दिया।
* नरेन्द्र मोदी 26 मई को शाम छह बजे प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।
* सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए नरेन्द्र मोदी राष्ट्रपति भवन पहुंचे।
* मोदी के साथ एनडीए के अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद हैं।
* मोदी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
* 13 सितंबर को जो काम मिला वह 10 मई को पूर्ण किया और आज जो दायित्व मिला है, जब हम 2019 के चुनाव में फिर मिलेंगे तो मैं देशवासियों को अपनी रिपोर्ट कार्ड दूंगा। * यह विजय हमारी नहीं, लाखों कार्यकर्ताओं के पुरुषार्थ की जीत है।
* मुझे जो जिम्मेदारी मिली है, मैं विश्वास दिलाता हूं किसी को भी नीचा देखने की नौबत नहीं आएगी।
* हम में से कोई संगठन से न तो ऊपर है न ही उससे परे है।
* अगले दो साल हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
* अब परिश्रम की पराकाष्ठा करूंगा।
* यह सरकार गरीबों की है।
* नरेन्द्र मोदी के संबोधन के बाद एनडीए के सभी नेताओं- शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे, टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू, अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाशसिंह बादल समेत दक्षिण भारत के सभी नेताओं ने मुलाकात की और उन्हें शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया।
* मोदी ने कहा, वैश्विक परिदृश्य में इस चुनाव को बहुत ही सकारात्मक रूप से देखा जा रहा है।
* किसी की सरकार बनी, कौन प्रधानमंत्री बनेगा यह महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह वो नतीजे हैं जो दुनिया के सामने भारत की सामर्थ्य बताने के लिए हैं।
* हमें दो बातों पर जोर देना होगा, सबका साथ और सबका विकास। इसी मंत्र को लेकर हमें आगे बढ़ना चाहते हैं।
* यह चुनाव नई आशा का चुनाव है।
* मोदी इसलिए दिख रहा है क्योंकि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने मुझे अपने कंधे पर बैठाया है।
* आज मैंने जो कुछ पाया वह पांच पांच पीढ़ियां खप गई हैं, तब पाया है।
* इस पूरे अभियान में लाखों कार्यकर्ताओं ने जो परिश्रम किया है, उन सभी पीढ़ियों को जिन्होंने राष्ट्वादी विचारधारा के लिए सब कुछ खपा दिया है, उन सबको मैं कोटि कोटि प्रणाम करता हूं। आज हम उन्हीं की वजह से यहां हैं।
* देश के लिए हम मर नहीं पाए, जूझ नहीं पाए लेकिन कोटि कोटि लोगों ने देश के लिए हमें जीने का अवसर जरूर दिया।
* यहां बैठे सभी लोगों का संकल्प होना चाहिए कि हम देश के लिए जिएं। शरीर का कण कण और समय का पल पल कैसे देश के काम आए, यह हम तय कर लें तो देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
* मैं आशावादी हूं, मुझे कभी निराशा नहीं होती।
* आशावादी व्यक्ति ही देश को आगे ले जा सकता। निराश व्यक्ति कभी देश को आगे नहीं ले जा सकता।
* मेरी सोच तीसरी प्रकार की है। मैं गिलास को आधा पानी से भरा और आधा हवा से भरा देखता हूं।
* आजादी के कालखंड में पैदा हुए व्यक्ति के नेतृत्व में पहली बार केन्द्र में सरकार बन रही है।
* अब जिम्मेवारी का कालखंड शुरू हो रहा है।
* मैं ऐसा नहीं कहता पिछली सरकारों ने कुछ भी काम नहीं किया। सबने काम करने की कोशिश की है।
* भाजपा को बहुमत का मतलब लोगों ने आशा और विश्वास के साथ मतदान किया है।
* मैंने कहा था- हम चलें या न लें देश चल पड़ा है। आज हम यहां बैठे हैं उसका भी कारण है कि देश चल पड़ा है। हम चलें या न लें।
आडवाणी की किस बात पर रो पड़े नरेन्द्र मोदी, पढ़ें अगले पन्ने पर...
* आडवाणी को संबोधित करते हुए नरेन्द्र मोदी ने लगभग रोते हुए आडवाणी की तरफ मुखातिब होते हुए कहा कि वे 'कृपा' जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं करें। * मां की सेवा कृपा कतई नहीं हो सकती है। जैसे भारत मेरी मां है। वैसे ही भाजपा भी मेरी मां है। * मां पर कृपा नहीं सेवा की जाती है। कृपा तो मुझ पर पार्टी की है । * मैंने ऐसे लोगों को भी देखा है कि कई लोगों के शरीर पर एक कपड़ा था मगर कंधे पर भाजपा का झंडा था।
* अब हमारी जिम्मेदारी है ऐसे लोगों के सपने पूरा करने की।
* सरकार देश के कोटि कोटि लोगों को समर्पित है और मान-सम्मान के लिए तरसती हमारी मां-बहनों के लिए समर्पित है।
* यह गरीब, किसान सबके लिए है। हमारा प्रयास रहेगा कि सबकी आकांक्षा पूरी हो।
* देश के लोगों में लोकतंत्र के प्रति आस्था बढ़ी।
* उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र और संविधान की सामर्थ्य है कि एक सामान्य आदमी इतने बड़े पद तक पहुंचा।
* 125 करोड़ लोगों की उम्मीदें इस संसद पर टिकी हैं।
* मोदी ने आजादी दिलाने वाले महापुरुषों को प्रणाम किया।
* मैंने मुख्यमंत्री बनने के बाद विधानसभा देखी थी।
* आज भी ऐसा ही हो रहा है। संसद भवन में भी आज मैं पहली बार ही आया हूं।
* मोदी ने कहा कि हम यहां पद के लिए लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बैठें।
* पदभार बड़ी बात होती है इससे इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन कार्यभार और जिम्मेदारी सबसे बड़ी चीज होती है।
* हमें इसके लिए अपने आपको इसके लिए समर्पित करना होगा।
* 13 सितंबर 2013 को पार्टी ने मुझे जिम्मेदारी दी, मैंने 15 तारीख से काम किया।
* मैंने एक कार्यकर्ता के भाव से काम किया। पार्टी ने दायित्व दिया है उसे पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी चाहिए।
* 15 सितंबर से 10 मई तक काम किया। मैं अहमदाबाद जाने से पहले राजनाथ जी से मिलना चाहता था, उन्होंने कहा कि आप थके नहीं हो क्या? मैंने एक अनुशासित सिपाही की तरह अध्यक्षजी को रिपोर्ट की। 15 सितंबर से 10 मई तक जो जिम्मेदारी दी, उसे भली भांति पूरा करने की कोशिश की।
* इतने दिनों हमें सिर्फ एक दिन एक कार्यक्रम निरस्त करना पड़ा। वह भी हमारे घोसी जिलाध्यक्ष के निधन के कारण ऐसा नहीं हो सका। मैंने जो काम लिया उसे पूरा करने का प्रयास किया है।
* अटलजी का नाम लेकर भावुक हुए नरेन्द्र मोदी।
* मोदी ने कहा कि यदि अटलजी आज यहां होते तो सोने पर सुहागा होता। उनका आशीर्वाद हमारे साथ साथ सदा सदा बना रहे।
* नरेन्द्र मोदी ने सभी भाजपा नेताओं का आभार जताया, जिन्होंने सर्वसम्मति से संसदीय दल का नेता चुना।
* मैं राजनाथजी और आडवाणी जी का भी आभारी हूं, जिनका आशीर्वाद मुझे मिला।
अगले पन्ने पर... क्या बोले राजनाथ और आडवाणी...