केरल में कांग्रेस के भविष्य के चेहरे माने जा रहे थरूर के सियासी करियर पर तो ग्रहण लगा ही है, लेकिन जिस दिन कांग्रेस ने चुनावी अभियान शुरू कर कार्यकर्ताओं में जोश भरने का प्रयास किया, उसी दिन यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हो गई। एक बार फिर थरूर के मंत्रिमंडल से इस्तीफे के कयास लगाए जा रहे हैं।
यही नहीं थरूर के पारिवारिक विवाद में अब आइएसआई कोण की जांच में भी सुरक्षा एजेंसियां चुपचाप जुट गई हैं। सुनंदा ने थरूर की पाकिस्तानी पत्रकार दोस्त मेहर तरार को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट करार दिया था।
शुक्रवार को कांग्रेस ने आम चुनावों से पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी बुलाकर एक तरह से चुनावी बिगुल फूंक दिया था। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी न सिर्फ आक्रामक तरीके से विपक्ष पर बरसे थे, बल्कि अपना भविष्य का एजेंडा दिखाकर सियासी माहौल को पलटने की बाजीगरी का प्रयास भी किया था।
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थरूर को क्यों पसंद करते हैं राहुल-सोनिया