लता और मेंहदी हसन का आखिरी डुएट

Webdunia
सोमवार, 27 सितम्बर 2010 (15:14 IST)
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दो महान कलाकारों को एक साथ गाते हुए सुनने की संगीतप्रेमियों की मुराद अगले महीने पूरी हो जाएगी जब शहंशाह-ए-गजल मेंहदी हसन और स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का पहला और आखिरी युगल गीत उनके सामने आएगा।

लता और मेंहदी का बहुप्रतीक्षित युगल गीत ‘तेरा मिलना’ अक्टूबर में एचएमवी लांच करेगी। कल अपना 81वाँ जन्मदिन मनाने जा रही लता ने ए क इंटरव्यू में कहा ‘इस गीत का मेहदी साहब को बहुत इंतजार था। हमने तैयार करके दे दिया है और अगले महीने यह सभी के सामने होगा।’

लंबी बीमारी से जूझ रहे मेंहदी हसन ने गाना छोड़ने से पहले लता के लिए दो-तीन गीत तैयार करके उन्हें भिजवाए थे। लता ने उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए अपने हिस्से की रिकॉर्डिंग भारत में की और दोनों हिस्सो को जोड़कर इसे युगल के रूप में तैयार किया।

लता ने कहा, ‘‘हम बहुत पहले चाहते थे कि यह गीत बाजार में आए लेकिन कुछ कारणों से देरी हो गई। मुझे खुशी है कि मेंहदी साहब की यह ख्वाहिश अब पूरी होने जा रही है।’ पिछले सात दशक से अपनी दैवीय आवाज से सभी को मंत्रमुग्ध कर रही सुरों की इस मलिका ने भले ही इस गीत के लिए अलग-अलग रिकॉर्डिंग की हो, लेकिन उन्हें गायकों और संगीतकारों का साथ मिलकर गीत बनाना ही पसंद आता है।

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लता ने कहा, ‘पहले मुकेश, मोहम्मद रफी और किशोरदा जैसे गायकों के साथ गाने का मजा ही अलग था। हम साथ गाते थे और संगीतकार के साथ मिलकर बड़ी मेहनत से गीत तैयार होता था। अब तो सभी अपने हिस्से की अलग रिकॉर्डिंग करते हैं तो मजा नहीं आता।’

उन्होंने कहा, ‘मैंने और उषा (मंगेशकर) ने पिछले दिनों हनुमान चालीसा और साई भजन साथ गाए और बरसों बाद मुझे ऐसा आनंद मिला। अब किसी के पास साथ गाने का समय नहीं है।’ पार्श्वगायन से पीछे हटने के कारणों के बारे में पूछने पर भारत रत्न प्राप्त इस महान गायिका ने कहा कि अब उनके स्तर के गाने नहीं बनते।

उन्होंने कहा, ‘पहले अच्छे गाने होते थे और नायिका प्रधान एकल गीत भी रहते थे। अब गानों में वैरायटी नहीं है और आइटम गीत या डुएट अधिक होते हैं। इसमें ज्यादा कुछ करने के लिए होता नहीं है।’ लता ने हालाँकि हाल ही में निखिल कामथ की फिल्म ‘आई डोंट नो वाय’ के लिए एक गीत गाया है।

अपने ‘परफेक्शनिस्ट’ स्वभाव के कारण लता स्टेज शो भी नहीं करती और न ही उन्हें रियलिटी शो पसंद है।

उन्होंने कहा , ‘पहले मैंने कई स्टेज शो किए, विदेश में ज्यादा किए। एक शो के लिए मैं दो-तीन महीने रिहर्सल करती थी। मुझे हर चीज व्यवस्थित पसंद है तो बहुत टेंशन हो जाता था कि सब ठीक से होगा या नहीं। अब स्टेज शो करने का मन नहीं करता क्योंकि इतना समय किसी के पास है नहीं।’

लता ने बताया, ‘मैं स्टेज शो के लिए खुद एक घंटा पहले ऑडिटोरियम में पहुँच जाती थी और मुझे वक्त पर शो करना पसंद था। अब इतनी वक्त की पाबंदी कहाँ रहती है।’ संगीत के अपने सफर में दुनिया भर में करोड़ों प्रशंसक बनाने वाली लता की कोई अधूरी ख्वाहिश नहीं बची है और बतौर कलाकार वह बेहद संतुष्ट हैं।

उन्होंने कहा, ‘मुझे जो कुछ मिला, उससे मैं बहुत संतुष्ट हूँ। मैंने कभी इतन ा सोचा भी नहीं था। भगवान से मुझे कोई शिकायत नहीं है।’ जन्मदिन पर क्या विशेष करेंगी, यह पूछने पर उन्होंने कहा कि वह अपना जन्मदिन नहीं मनाती । उन्होंने कहा, ‘मैं कभी अपना जन्मदिन नहीं मनाती। मैंने जन्मदिन की पूजा पहले ही कर ली है। इस दिन अब कुछ विशेष नहीं होगा।’ (भाष ा)

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