लेखक गुणाकर मुले नहीं रहे

Webdunia
शनिवार, 17 अक्टूबर 2009 (10:20 IST)
हिन्दी और अँगरेजी में विज्ञान लेखन को लोकप्रिय बनाने वाले एवं महापंडित राहुल सांकृत्यायन के शिष्य गुणाकर मुले का शुक्रवार को यहाँ अपने निवास पर निधन हो गया। वे 74 वर्ष के थे।

पारिवारिक सूत्रों के अनुसार मुले पिछले डेढ़-दो वर्षों से बीमार थे। उन्हें माँसपेशियों की एक जेनेटिक बीमारी हो गई थी, जिससे उनका चलना-फिरना बंद हो गया था।

महाराष्ट्र के अमरावती जिले के सिंधु बुजुर्ग गाँव में जन्मे गुणाकर मुले मराठी भाषी थे, पर उन्होंने पचास साल से अधिक समय तक हिन्दी में लेखन किया और उनकी करीब 35 पुस्तकें छपीं। उनके परिवार में दो बेटियाँ, एक पुत्र तथा पत्नी हैं। मुले ने हिन्दी में करीब तीन हजार लेख लिखे और अँगरेजी में उनके 250 से अधिक लेख हैं।
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