शिवराजसिंह चौहान ने यह धरना हालांकि स्थगित कर दिया था, लेकिन चौहान किसानों के हित में केन्द्र सरकार से 2400 करोड़ रुपए की मांग कर रहे थे। साथ ही वे राज्य के हिस्से का कोयला भी मांग रहे थे।
उस समय इस पूरी नौटंकी को नाम दिया गया था- 'सविनय अवज्ञा उपवास'। हालांकि उस समय भाजपा को संविधान याद आया था, न ही मुख्यमंत्री पद की गरिमा। इतना ही नहीं इस 'हाई प्रोफाइल धरना' के लिए प्रशासनिक स्तर पर काफी तैयारियां भी गई थीं।
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वर्तमान में दिल्ली की सड़क पर धरना दे रहे केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने धरने की चेतावनी तो पहले दे दी थी, लेकिन इसके लिए कोई 'खास' तैयारी नहीं थी, लेकिन अतीत में शिवराज के धरने को देखें तो इसके लिए काफी तैयारियां की गई थीं।
तब बताया गया था कि भोपाल के दशहरा मैदान में करोड़ों रुपए खर्च करके धरना स्थल तैयार किया जा रहा है। पूरी प्रशासनिक मशीनरी को यहां लगा दिया था, लेकिन झंडे भाजपा के ही लहरा रहे थे। पूरा धरना स्थल तब एयरकंडीशंड बनाया गया था।
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