शिवानी भटनागर हत्याकांड मामले का घटनाक्रम कुछ इस प्रकार रहा-
1. 23 जनवरी, 1999 : इंडियन एक्सप्रेस की पत्रकार शिवानी भटनागर की पूर्वी दिल्ली के उसके अपार्टमेंट में हत्या कर दी गई।
2. 23 जुलाई, 2002 : पुलिस ने भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रविकांत शर्मा के मातहत काम कर चुके हरियाणा पुलिस के अधिकारी के पुत्र श्रीभगवान को गिरफ्तार किया।
3. 02 अगस्त, 2002 : दिल्ली पुलिस ने हरियाणा में पंचकुला में आरके शर्मा के आवास पर छापा मारा, लेकिन वह पकड़ में नहीं आया। एक अन्य षड्यंत्रकारी प्रदीप शर्मा को पुलिस ने धरदबोचा।
4. 06 अगस्त, 2002 : पंचकुला की अदालत ने आरके शर्मा की अंतरिम जमानत का आवेदन खारिज कर दिया।
5. 07 अगस्त, 2002 : दिल्ली पुलिस ने आरके शर्मा का चित्र जारी किया और उस पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया।
6. 08 अगस्त, 2002 : आरके शर्मा की पत्नी मधु ने एक प्रभावशाली व्यक्ति की संलिप्तता का आरोप लगाया और सीबीआई जाँच की माँग की।
7. 12 अगस्त, 2002 : दिल्ली पुलिस को एक आरोपी प्रदीप शर्मा की हस्तलिपि और फिंगर प्रिंट की रिपोर्ट मिली। आरके शर्मा ने दिल्ली की अदालत में जमानत के लिए आवेदन दिया।
8. 13 अगस्त, 2002 : दिल्ली की सत्र अदालत ने आरके शर्मा की जमानत की अर्जी खारिज कर दी।
9. 15 अगस्त, 2002 : आरके शर्मा की पत्नी मधु ने शिवानी हत्याकांड में भाजपा नेता प्रमोद महाजन की संलिप्तता का आरोप लगाया। महाजन ने आरोप को नकारा और कहा कि शिवानी के साथ उनके पेशेवराना रिश्ते थे।
10. 16 अगस्त, 2002 : दिल्ली पुलिस ने प्रमोद महाजन का क्लीन चिट दे दी।
11. 17 अगस्त, 2002 : मामले के सह अभियुक्त सत्यप्रकाश गिरफ्तारी की पुलिस ने पुष्टि की।
12. 18 अगस्त, 2002 : एक अन्य आरोपी वेदप्रकाश शर्मा को पुलिस ने धरदबोचा।
13. 23 अगस्त, 2002 : आरके शर्मा को पुलिस सेवा से निलंबित किया गया।
14. 27 सितंबर, 2002 : अंबाला में आरके शर्मा ने आत्मसमर्पण किया।
15. 28 सितंबर, 2002 : आरके शर्मा को पुलिस हिरासत में भेजा गया।
16. 08 अक्टूबर, 2002 : पुलिस ने दावा किया कि आरके शर्मा ने शिवानी की हत्या की बात स्वीकारी। शर्मा के वकील ने पुलिस के खिलाफ अवमानना आवेदन दिया।
17. 25 अक्टूबर, 2002 : पुलिस ने शिवानी हत्याकांड में चार्जशीट दाखिल की। आरके शर्मा पर शिवानी की हत्या का आरोप लगाया और उसने कथित तौर पर शिवानी को गोपनीय सरकारी कागजात दिए थे।
18. 04 जनवरी, 2003 सुनवाई के लिए मामला सत्र अदालत में भेजा गया।
19. 03 मार्च, 2003 अदालत ने शर्मा और पाँच अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए।
20. 20 मार्च, 2003 : सुनवाई प्रारंभ हुई।
21. 23 जनवरी, 2005 : शिवानी का मामला फास्ट ट्रैक अदालत को स्थानांतरित किया गया।
22. 21 जुलाई, 2006 : उच्चतम न्यायालय ने आरके शर्मा को केस डायरी दिए जाने के दिल्ली उच्च न्यायालय और निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाई।
23. 09 अक्टूबर, 2007 : अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि सरकारी गोपनीयता कानून के तहत किए गए अपराधों में आरके शर्मा की पोल खोलने की शिवानी की मंशा थी।
24. 15 नवंबर, 2007 : अभियोजन पक्ष ने बहस खत्म की।
25. 23 नवंबर, 2007 : आरके शर्मा ने टेलीफोन कॉल रिकॉर्ड को जाली बताया।
26. 04 दिसंबर, 2007 : आरके शर्मा ने कहा उसके शिवानी के साथ दोस्ताना संबंध थे।
27. 29 फरवरी, 2007 अतिम बहस पूरी हुई।
28. 05 मार्च, 2008 : अदालत ने शिवानी हत्याकांड पर फैसला सुरक्षित रखा।
29. 18 मार्च, 2008 : अदालत ने शिवानी हत्याकांड में निलंबित पुलिस महानिरीक्षक सहित तीन अन्य आरोपियों को दोषी ठहराया।