उन्होंने कहा कि देश के कई राज्यों में सांप्रदायिक आधार पर एजेंडे लागू किए जाते हैं। पश्चिम बंगाल, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश आदि का उल्लेख करते हुए योगी ने कहा कि इमामों के लिए तो वेतन की घोषणा की जाती है, लेकिन साधुओं और पुजारियों की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता। उन्होंने सवाल किया कि क्या यही सेक्युलरिज्म है?
आदित्यनाथ ने कहा कि किसी वर्ग विशेष के लिए योजनाएं बनाना कैसी धर्मनिरपेक्षता है? उन्होंने कहा कि कोयंबटूर और बैंगलोर ब्लास्ट के आरोपियों पर नरमी बरती जाती है, दूसरी असम के घुसपैठियों की चर्चा नहीं होती। असम जलता रहा पर सदन में चर्चा नहीं हुई। विपक्ष में बैठे लोग बांग्लादेशियों और घुसपैठियों की वकालत करते हैं।
इससे पहले एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद हुए दंगों की बात करते हुए कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि कांग्रेस देश को जोड़ने की बात करती है।
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