महाराष्ट्र में 168 विधायकों का समर्थन, मोदी सरकार में मंत्री बनेंगी सुप्रिया सुले

Webdunia
शनिवार, 23 नवंबर 2019 (12:30 IST)
नई दिल्ली। भाजपा ने शनिवार को दावा किया कि महाराष्ट्र में देवन्द्र फड़नवीस-अजित पवार सरकार के पास विधानसभा में कम से कम 168 विधायकों का समर्थन है और यह सरकार पूरे 5 साल स्थिरता के साथ राज्य की सेवा करेगी। इस बीच मुंबई में भाजपा एक प्रवक्ता ने दावा किया कि सरकार के साथ राकांपा के सभी विधायक हैं।
ALSO READ: राज्यपाल ने देवेन्द्र फडणवीस को दिलाई महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के नेता रामदास अठावले ने दावा किया कि राकांपा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार में शामिल होगी तथा सुप्रिया सुले मंत्री बनेंगी। भाजपा के प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम ने यहां कहा कि महाराष्ट्र में नई सरकार के पास पूरा बहुमत है। विधानसभा के पटल में मुख्यमंत्री आसानी से बहुमत साबित कर देंगे।
ALSO READ: देवेन्द्र फडणवीस का महाराष्ट्र की सत्ता का सफ़र और चुनौतियां
बहुमत के आंकड़े के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने भाजपा के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के हवाले से दावा किया कि सरकार के समर्थन में कम से कम 168 विधायकों का समर्थन हासिल है।
ALSO READ: महाराष्ट्र में राजनीतिक उलटफेर, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं मजेदार मीम्स
रिपोर्टों के अनुसार अजित पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के 22 विधायकों के साथ बैठक करके भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने का फैसला किया। पर बहुमत के लिए शिवसेना के विधायकों के भी टूटने के बारे में पूछे जाने पर इस्लाम ने कहा कि वे सटीक आंकड़ों के बारे में नहीं बता सकते हैं, पर दावा करते हैं कि सदन में कम से कम 168 विधायक सरकार के समर्थन में हैं।
 
इस बीच मुंबई में भाजपा के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि सरकार के साथ राकांपा के सभी विधायक हैं। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के नेता रामदास अठावले ने दावा किया कि राकांपा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार में शामिल होगी तथा सुप्रिया सुले मंत्री बनेंगी।
 
उधर महाराष्ट्र से भाजपा के सूत्रों ने कहा कि अजित पवार को चूंकि राकांपा के विधायक दल का नेता चुना जा चुका था इसलिए दलबदल कानून उनके फैसले पर लागू नहीं होगा बल्कि उनके साथ नहीं आने वाले विधायकों को संभवत: अनुशासन के मामले का सामना करना पड़े।
 
महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव 21 अक्टूबर को हुए थे और परिणाम 24 अक्टूबर को आए थे। 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को सर्वाधिक 105, शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें हासिल हुई थीं। बहुमत के लिए 145 प्रत्याशियों का समर्थन आवश्यक है।
 
विधानसभा चुनाव में भाजपा एवं शिवसेना तथा कांग्रेस एवं राकांपा गठबंधन के रूप में चुनावी मैदान में उतरे थे। भाजपा एवं शिवसेना के गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलने के बावजूद सरकार का गठन नहीं हो पाया। शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद पर दावा कर दिया था जिसे भाजपा ने स्वीकार नहीं किया। कई दिनों तक गतिरोध कायम रहने के कारण राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी की सिफारिश पर 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था।
 
चुनावों के बाद 1 महीने तक चले राजनीतिक गतिरोध के बाद अचानक एक बड़े सियासी उलटफेर में शनिवार को भाजपा ने राकांपा के एक धड़े के साथ गठजोड़ करके आनन-फानन में सरकार बना ली। राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने सुबह देवेन्द्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री और राकांपा के अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। (वार्ता)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

क्या मंगल दोष का राजा रघुवंशी की हत्या से कोई संबंध है? पिता का भी छलका दर्द

मेरी खांसी क्यों नहीं जाती, क्या किसी भयानक बीमारी का संकेत या कोरोना के लक्षण, आपके हर सवाल का जवाब

EPFO पर 30 जून तक नहीं करवाया यह काम तो पड़ेगा पछताना, जानें UAN एक्टिव करने की प्रोसेस

120 पुलिसवालों ने ऐसे दिया 'ऑपरेशन हनीमून' को अंजाम, पति की कातिल सोनम रघुवंशी को ऐसे घेरा

शिलांग के SP ने बताई राजा रघुवंशी केस सुलझाने की पूरी कहानी, कहा- मेघालय को बदनाम किया

सभी देखें

नवीनतम

प्रचंड गर्मी में तपा राजस्थान, गंगानगर में पारा 47.4 डिग्री सेल्सियस पहुंचा

PAK टेररिज्म को दुनियाभर में कैसे किया बेनकाब, PM मोदी ने विदेश से लौटे डेलिगेशन से की मुलाकात

दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे 92 बांग्लादेशी नागरिक पकड़े, इलाका छोड़ने की तैयारी में थे

Weather update : आखिर क्यों तप रही है धरती, कब होगी बारिश, क्या कहता है मौसम विभाग

अमेरिका में भारतीय नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार का मामला, कांग्रेस ने की पीएम से हस्तक्षेप की मांग

अगला लेख