बच्चों के बाद पहली बार बुजुर्ग भी HMPV संक्रमित, गुजरात और यूपी में मिले मरीज

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 10 जनवरी 2025 (09:47 IST)
HMPV news in hindi : देश में ह्यूमन मेटानिमोवायरस (HMPV) के मरीजों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है। अब तक बच्चे ही इससे संक्रमित हो रहे थे लेकिन अब बुजुर्ग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। गुरुवार को गुजरात और उत्तर प्रदेश में 2 बुजुर्गों में एचएमपीवी संक्रमण दिखाई दिया। इसी के साथ देश में एचएमपीवी संक्रमितों की संख्या बढ़कर 12 हो गई।
 
उत्तर प्रदेश में महाकुंभ से पहले  60 साल की महिला पॉजिटिव मिलने से हड़कंप मच गया। यह यूपी में एचएमपीवी का पहला मरीज है। इससे पहले गुजरात, बंगाल समेत 5 राज्यों में HMPV संक्रमित मिले हैं।
 
गुजरात के अहमदाबाद शहर में गुरुवार को 80 वर्षीय एक व्यक्ति में एचएमपीवी संक्रमण की पुष्टि हुई। यह देश में बुजुर्गों में एचएमपीवी संक्रमण का पहला मामला है। इससे पहले केवल बच्चों में यह संक्रमण मिला था। वह पिछले कुछ समय से अस्थमा से पीड़ित था। फिलहाल उसकी हालत स्थिर है। अहमदाबाद नगर निगम के अनुसार, मरीज का फिलहाल एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है और बुजुर्ग का विदेश यात्रा का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
 
एचएमपीवी क्या है? : एचएमपीवी एक वायरल रोगाणु है जो सभी उम्र के लोगों में श्वसन संक्रमण का कारण बनता है। इसका पता पहली बार 2001 में चला। यह पैरामाइक्सोविरिडे परिवार से संबंधित है और ‘रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस’ (आरएसवी) से निकटता से संबंधित है। एचएमपीवी खांसने या छींकने से निकलने वाली सांस की बूंदों के साथ-साथ दूषित सतहों को छूने या संक्रमित व्यक्तियों के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। यह वायरस श्वसन संबंधी मामलूी परेशानी से लेकर गंभीर जटिलता से जुड़ी बीमारियों तक का कारण माना जाता है, विशेष रूप से शिशुओं, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में।
 
कई देशों में फैल रहा है वायरस : ‘ब्रोन्कोन्यूमोनिया’ से पीड़ित 8 महीने के एक शिशु को तीन जनवरी को बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद जांच में उसके एचएमपीवी से संक्रमित होने का पता चला। मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि एचएमपीवी का संक्रमण पहले से ही भारत सहित कई देशों में फैल रहा है तथा विभिन्न देशों में इससे संबंधित श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले सामने आए हैं।
 
सरकार सतर्क :  केन्द्र के साथ ही राज्य सरकारें भी सतर्क हो गई हैं। शुरुआती दौर में यह वायरस सर्दी-खांसी जैसा दिखाई दे रहा है, लेकिन इसका आधिकारिक उपचार अथवा टीका फिलहाल उपलब्ध नहीं है।  मंत्रालय ने कहा कि वह सभी उपलब्ध निगरानी माध्यमों के जरिए स्थिति की निगरानी कर रहा है और आईसीएमआर पूरे साल एचएमपीवी संक्रमण के रुझानों पर नजर रखेगा।
edited by : Nrapendra Gupta 

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