अनंतनाग के कोकरनाग जिले के गडोल के जंगलों में एक साल के बाद फिर से आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना ने अपने 2 जवान खो दिए हैं। 3 जख्मी जवानों की हालत गंभीर बनी हुई है। आतंकियों से मुठभेड़ समाचार भिजवाए जाने तक जारी थी। इसी जंगल में पिछले साल 13 सितंबर को जबरदस्त मुठभेड़ में सेना की 19 आरआर के कमांडिंग अफसर कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष, कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं समेत 5 जवान मारे गए थे।
अधिकारियों ने बताया कि यह घटना दक्षिण कश्मीर जिले के कोकरनाग इलाके के अहलान गगरमांडू जंगल में उस समय हुई जब वहां आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि जंगल में छिपे आतंकवादियों ने तलाशी दलों को देखते ही अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद भीषण मुठभेड़ हुई। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों की गोलीबारी में सेना के पांच जवान घायल हो गए। घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनमें से दो की मौत हो गई।
मिली जानकारी के मुताबिक, अहलान इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ जारी है। मुठभेड़ तब शुरू हुई जब आतंकवादियों की ओर से खोजी टीम पर फायरिंग की गई। इसके जवाब में जवानों ने भी फायरिंग की। अधिकारियों ने बताया कि इलाके में अतिरिक्त बल भेजे गए हैं और अंतिम रिपोर्ट मिलने तक आतंकवादियों को पकड़ने और उन्हें बेअसर करने के लिए अभियान जारी था।
सेना की श्रीनगर स्थित चिनार कोर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि विशिष्ट खुफिया इनपुट के आधार पर, भारतीय सेना, जम्मू कश्मीर पुलिस और केरिपुब ने आज अनंतनाग के कोकरनाग इलाके में एक संयुक्त अभियान शुरू किया। संपर्क स्थापित हुआ और गोलीबारी शुरू हो गई। इसमें कहा गया कि 2 कर्मी घायल हो गए हैं और उन्हें क्षेत्र से निकाल लिया गया है।
इससे पहले बीती 6 अगस्त को बसंतगढ़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच शाम 4 बजे के करीब मुठभेड़ शुरू हुई थी। दोनों ओर से 2 घंटे तक गोलीबारी हुई। मौसम खराब होने और धुंध के बीच सुरक्षाबलों ने देर शाम तक तलाशी अभियान चलाया। सेना ने जंगल में छिपे आतंकियों की घेराबंदी बढ़ा दी। अभी किसी भी आतंकी के मारे जाने की सूचना नहीं है।