26 नवंबर 2008 को मुंबई में जो आतंकवादी हमला हुआ था, उसे आज तक कोई भी भारतवासी भुला नहीं पाया है। पाकिस्तान प्रायोजित इस आतंकवादी हमले में 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस हमले में हमारे कई जांबाज सिपाही आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे।
मुंबई में इस दिन कई स्थानों पर हमले हुए थे। हालांकि हमारे जांबाज सुरक्षाकर्मियों ने सभी आतंकियों को मार गिराया था, साथ ही अजमल कसाब नामक एक आतंकवादी को जिंदा पकड़ लिया था। जब भी 26 नवंबर आता है, हमारे घाव एक बार फिर हरे हो जाते थे।
टाटा ग्रुप की ताज होटल में भी लोग आतंकवादी हमले का शिकार हुए थे। टाटा ग्रुप के मुखिया रतन टाटा ने बहुत भावुक शब्दों में इस घटना को याद किया है। ट्विटर पर होटल ताज की तस्वीर शेयर कर रतन टाटा ने लिखा- 'आज से 12 साल पहले जो हुआ, उसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकेगा।
उन्होंने लोगों की एकजुटता की सराहना करते हुए लिखा- जो ज्यादा याद रखने योग्य है वह है, उस दिन आतंकवाद और विनाशलीला को खत्म करने के लिए जिस तरह मुंबईवासी सभी मतभेदों को भुलाकर एक साथ आए। हमने जिनको खोया, जिन्होंने कुर्बानियां दीं, आज हम उनका दुख मना सकते हैं। लेकिन हमें एकता, संवेदनशीलता और दयालुता की भी सराहना करनी होगी, इसे हमें आगे भी बरकरार रखना है। आशा है यह और बढ़ेगी।
उल्लेखनीय है कि इस हमले में देशी-विदेशी नागरिकों के साथ ही संयुक्त पुलिस कमिश्नर हेमंत करकरे, सहायक पुलिस कमिश्नर अशोक काम्टे, इंस्पेक्टर विजय सालसकर, मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, हवलदार गजेन्द्रसिंह, एएसआई तुकाराम ओंबले समेत कई जांबाजों ने कुर्बानियां दी थीं।
रतन टाटा के ट्वीट के जवाब कई लोगों ने उस घटना में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए उनकी भावुक शब्दों में सराहना की।