जम्मू कश्मीर के 3 दिन के दौरे पर गृहमंत्री अमित शाह,3 बड़ी चुनौतियों से निपटने की भी ‘अग्निपरीक्षा’

मिशन कश्मीर पर जा रहे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के समाने 3 बड़ी चुनौतियां

विकास सिंह
सोमवार, 3 अक्टूबर 2022 (14:52 IST)
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज से तीन दिवसीय जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जा रहे है। अपने तीन दिन के दौरे के दौरान गृहमंत्री माता वैष्णो देवी की दर्शन करने के साथ कश्मीर घाटी के श्रीनगर, राजौरी और बारामूला जिलों का दौरा करने के साथ दो बड़ी जनसभा को संबोधित करेंग। अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री राज्य को करोड़ों के विकास कार्यों की सौगात भी देंगे।

धारा 370 हटने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री का यह दूसरा विस्तृत जम्मू कश्मीर का दौरा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के जम्मू कश्मीर दौरे को अगले साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं धारा 370 हटने के बाद कश्मीर घाटी में बढ़ती टारगेट किलिंग और आतंकवाद से निपटने का क्या कोई बड़ा रोडमैप गृहमंत्री अमित शाह अपने दौरे के दौरान पेश करते है, इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है।   
 
हाइब्रिड आतंकवाद के निपटने की 'अग्निपरीक्षा'?-जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के 3 साल से अधिक समय बाद भी आज राज्य आतंकवाद की चुनौतियों से जूझ रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे से पहले कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाओं में अचानक से तेजी आ गई है। कश्मीर घाटी में उधमपुर ब्लास्ट के साथ जम्मू इलाके में ब्लास्ट की 2 घटनाएं ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकस कर दिया। उधमपुर ब्लास्ट जिसकी जांच एनआईए कर रही है उसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि आतंकियों के निशाने पर हाई प्रोफाइल मंत्री थे।

कश्मीर घाटी में आतंक के नए माड्यूल हाइब्रिड आतंकवाद सुरक्षा बलों के लिए एक नई चुनौती के रूप में सामने आया है। बीते दिनों कश्मीरी पंडितों के खिलाफ टारगेट किलिंग में हाइब्रिड आतंकवाद की बात समाने आई थी। दरअसल हाइब्रिड आतंकवाद आतंक का वह चेहरा है जिसमें आतंकी भीड़ के बीच आते है और रिवॉल्वर से टारगेट को साध कर फिर माहौल में घुल मिल जाते है। ऐसे में आतंकवाद के बदले स्वरूप और चेहरे से निपटने केंद्रीय गृहमंत्री के सामने एक बड़ी अग्निपरीक्षा है। 

जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह के मुताबिक ब्लास्ट के जरिए आतंकी हाई प्रोफाइल मंत्री को निशाना बनाना चाहते थे, इसके लिए पीओके से हथियार भेजे गए थे। डीजीपी ने कहा कि पाकिस्तान में बैठे आतंकी हैंडलर शांति को भंग करने की कोशिश कर रहे है।
 
टारगेट किलिंग रोकने की 'अग्निपरीक्षा'?- जम्मू कश्मीर से धारा- 370 हटने के बाद कश्मीरी पंडितों की टारगेट किलिंग में आई तेजी से गृहमंत्री अमित शाह के समाने सबसे बड़ी चुनौती है।लगातार टारगेट किलिंग से कश्मीरी पंडित और गैर कश्मीरी दोनों ही दहशत में है और वह एक बार घाटी छोड़कर पलायन कर रहे है। ऐसे कश्मीरी पंडित परिवार भी अब घाटी छोड़ना चाह रहे है जो 1990 के आतंक दौर के बाद यहां से नहीं गए थे। 
 
श्रीनगर में रहने वाले बीबीसी के पूर्व संवाददाता और वरिष्ठ पत्रकार पत्रकार अल्ताफ हुसैन ‘वेबदुनिया’ से बातचीत में कहते हैं कि कश्मीर घाटी के वर्तमान हालात से सीधे गृहमंत्री अमित शाह की परफॉर्मेस पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। पिछले दिनों भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी का गृहमंत्री अमित शाह को बतौर होम मिनिस्टर नाकाम बताना गृह विभाग से हटाकर स्पोर्टस मिनिस्टर मनाने की मांग इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। 
 
कश्मीर में लगातार टारगेट किलिंग और कश्मीरी पंडितों के पलायन केंद्र सरकार की लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।सवाल मोदी सरकार के उस दावे पर भी खड़ा हो गया है जिसमें  सरकार जम्मू कश्मीर से 370 हटाने को अपनी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए शांति व्यवस्था का दावा करती है।  
 
भाजपा की सरकार बनाने की अग्निपरीक्षा?- भाजपा के चुनावी चाणक्य माने जने वाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के जम्मू कश्मीर के दौरे को राज्य में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि अमित शाह अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान राज्य में भाजपा की चुनावी तैयारियों का जमीनी स्तर पर फीडबैक लेंगे। 
 
गृहमंत्री अमित शाह अपने दौरे के दौरान घाटी के राजौरी और बारामूला में दो बड़ी रैलियों को संबोधित करेंगे। अमित शाह के इन रैलियों को कश्मीर घाटी में भाजपा के चुनावी शंखनाद से जोड़कर देखा जा रहा है। घाटी में एक बड़े वोट बैंक को साधने के लिए अमित शाह पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति के दर्जे में लाने का बड़ा एलान कर सकते है। गौरतलब है कि पहाड़ी समुदाय लंबे समय से अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग कर रहे हैं, ऐसे में अब गृहमंत्री के कश्मीर दौरे से समुदाय की उम्मीद बढ़ गई है। गौरतलब है कि घाटी में एक बड़े वोट बैंक वाले गुज्जर-बक्करवाल को केंद्र सरकार पहले ही एसटी का दर्जा दे चुकी है। 
 
अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू कश्मीर अब पहले आम चुनाव की ओर बढ़ चुका है। राज्य में 25 नवंबर को मतादाता सूची का फाइनल प्रकाशन कर दिया जाएगा। संभावना जताई जा रही है कि अगले साल अप्रैल-मई में जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे। धारा 370 हटने के बाद राज्य के मिले विशेष दर्जा खत्म होने के बाद अब कोई भी व्यक्ति राज्य का वोटर बन सकता है। ऐसे में विधानसभा चुनाव में इस बार 25-30 लाख नए वोट जुड़ने की संभावना है जो राज्य के सियासी इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत कर सकते है।   
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

भारत कोई धर्मशाला नहीं, लोकसभा में बोले अमित शाह, इमिग्रेशन बिल 2025 पास

रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी घुसपैठिए, सब पर लगेगी लगाम, लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने बताया प्लान

Ranya Rao को तीसरी बार झटका, जमानत याचिका नामंजूर, जानिए Gold smuggling case में अब तक क्या-क्या हुआ

Hurun Global rich List : 284 अरबपतियों के पास भारत की GDP का एक तिहाई हिस्सा, मुकेश अंबानी एशिया में सबसे अमीर

क्‍या है सत्‍ता जिहाद जिसे लेकर उद्धव ठाकरे ने साधा पीएम मोदी पर निशाना?

सभी देखें

नवीनतम

गाय के गोबर से अखिलेश यादव को आई दुर्गंध, भाजपा ने इस तरह साधा निशाना

Weather Update : दिल्ली-NCR में बदला मौसम, उत्‍तर भारत में पारा 35 के पार, जानिए देशभर का हाल

ऑक्सफोर्ड में ममता बनर्जी के भाषण के दौरान हंगामा, इस तरह दिया तीखे सवालों का जवाब

जम्मू-कश्मीर के कठुआ में मुठभेड़, 3 आतंकवादी ढेर, 3 पुलिसकर्मी शहीद

LIVE: कठुआ मुठभेड़ में 3 कांस्टेबल बलिदान, 3 आतंकी ढेर

अगला लेख