गवई ने दिलाई सुप्रीम कोर्ट के 3 न्यायाधीशों को शपथ, जजों की संख्या बढ़कर हुई 34

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 30 मई 2025 (12:39 IST)
3 judges took oath in Supreme Court: भारत के प्रधान न्यायाधीश बी.आर. गवई (B.R. Gavai) ने शुक्रवार को न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया, न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई और न्यायमूर्ति ए.एस. चांदुरकर को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। प्रधान न्यायाधीश ने उच्चतम न्यायालय परिसर में आयोजित एक समारोह में न्यायाधीशों को शपथ दिलाई। इन न्यायाधीशों के शपथ ग्रहण के साथ ही शीर्ष अदालत में प्रधान न्यायाधीश सहित पूर्ण कार्यरत न्यायाधीशों की संख्या 34 हो गई है।
 
उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने सोमवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अंजारिया, गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बिश्नोई और बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति चांदुरकर को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर उनकी नियुक्ति की घोषणा की।ALSO READ: ED लांघ रहा है सारी सीमाएं, Supreme Court ने तमिलनाडु शराब घोटाला मामले की जांच पर लगाई रोक
 
पूर्व प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय के सेवानिवृत्त होने के बाद शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की 3 मौजूदा रिक्तियों के लिए उनके नामों की सिफारिश की गई थी। न्यायमूर्ति अंजारिया ने 25 फरवरी, 2024 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। इससे पहले उन्हें 21 नवंबर, 2011 को गुजरात उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और 6 सितंबर, 2013 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में पुष्टि की गई थी।
 
अहमदाबाद में 23 मार्च, 1965 को जन्मे न्यायमूर्ति अंजारिया ने 1989 में यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ, अहमदाबाद से कानून में मास्टर डिग्री प्राप्त की। उन्होंने अगस्त 1988 से गुजरात उच्च न्यायालय में वकालत शुरू की और संवैधानिक मुद्दों एवं दीवानी मामलों की सभी श्रेणियों, श्रम और सेवा से जुड़े मामलों में पैरवी की।
 
न्यायमूर्ति बिश्नोई ने 5 फरवरी, 2024 को गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्हें 8 जनवरी, 2013 को राजस्थान उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और सात जनवरी, 2015 को उन्होंने उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। जोधपुर में 26 मार्च, 1964 को जन्मे न्यायमूर्ति बिश्नोई  जुलाई, 1989 को अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए। उन्होंने राजस्थान उच्च न्यायालय और जोधपुर में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण में वकालत की।ALSO READ: Waqf Amendment Act : वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुनवाई हुई पूरी, Supreme Court ने फैसला रखा सुरक्षित
 
7 अप्रैल, 1965 को जन्मे न्यायमूर्ति चांदुरकर कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद 21 जुलाई, 1988 को बार में शामिल हुए। न्यायमूर्ति चांदुरकर 1992 में नागपुर चले गए और विभिन्न अदालतों में वकालत की। 21 जून, 2013 को उन्हें बंबई उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया।(भाषा)(फोटो सौजन्य : ट्विटर)
 
Edited by: Ravindra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

फाइटर जेट्स की डिलीवरी में देरी पर एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह क्यों हुए चिंतित, किस बात को लेकर जताई निराशा

LLB की पढ़ाई करना चाहती है कातिल मुस्कान, वकील बनकर लड़ेगी खुद का मुकदमा, जेल प्रशासन को लिखा पत्र

POK कब बनेगा भारत का हिस्सा, जानिए सटीक भविष्यवाणी

ड्रोन, स्‍नीफर डॉग फिर भी नहीं ढूंढ पा रही मेघालय पुलिस, रहस्‍यमयी तरीके से कहां गायब हुआ इंदौरी कपल?

किसने डिजाइन किया है 'ऑपरेशन सिंदूर' का logo? सेना ने बताए किसके नाम और क्या है लोगो का संदेश

सभी देखें

नवीनतम

पीएम मोदी को जान से मारने की धमकी देने का आरोपी गिरफ्तार, संपत्ति विवाद में झूठा कॉल किया

बिहार से पाकिस्तान को पीएम मोदी की चेतावनी, ऑपरेशन सिंदूर हमारे तरकश का केवल एक तीर

LIVE: बिहार में पीएम मोदी बोले, सेना ने सिंदूर उजाड़ने वालों के ठिकानों को खंडहर में बदला

कौन हैं स्वामी रामभद्राचार्य, जिन्होंने सेना प्रमुख से दक्षिणा में मांग लिया PoK

Petrol Diesel Prices: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं, जानें ताजा कीमतें

अगला लेख