जम्मू। अभी तक अक्टूबर का महीना कश्मीर के लिए खूनी साबित हो रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर के 16 दिनों में कश्मीर 13 मुठभेड़ देख चुका है, जिसमें 14 आतंकी मारे गए तो एक ही मुठभेड़ में सेना को अपने 9 जवान खोने पड़े हैं। हालांकि 10 नागरिक भी इस अवधि में मारे जा चुके हैं।
आंकड़ों के मुताबिक, कुल 36 मौतें कश्मीर 16 दिनों के भीतर देख चुका है। इनमें वे 3 जवान भी शामिल हैं जिन्होंने अपने आपको गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। फिलहाल आत्महत्या के पीछे के कारणों को अधिकारी नहीं जान पाए थे।
औसतन इस महीने का कोई भी दिन ऐसा नहीं था जब कश्मीर में इंसान का खून न बहा हो। चाहे वे नागरिक थे, सैनिक थे या फिर आतंकी। पर सबसे ज्यादा मौतें 11 अक्तूबर कोई हुई थीं जब 2 आतंकी ढेर हुए थे तो 5 सैनिक शहीद। इसी तरह से 16 अक्टूबर भी खूनी रहा जब 2 जवान, 2 नागरिक और 2 आतंकी मारे गए।
इन 16 दिनों में 5 दिनों के दौरान कोई मौत तो नहीं हुई पर आतंकियों से मुठभेड़, हथगोलों के हमले और नागरिकों पर गोलियां बरसा उन्हें जख्मी करने का सिलसिला नहीं थमा था। इतना जरूर था कि इस अवधि में आतंकियों ने 6 अल्पसंख्यक समुदाय के नागरिकों तथा 9 जवानों को मौत के घाट उतार सभी के पांव तले से जमीं खिसका दी थी।
हालांकि 5 अक्टूबर को डेढ़ घंटे के अंतराल में तीन नागरिकों को मौत के घाट उतारा गया तो पूरे प्रदेश में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया। पर बावजूद इसके कश्मीर में नागरिकों को मारने और सेना के जवानों को शहीद करने का सिलसिला नहीं रूक पाया जिसमें सबसे बड़ी चिंता की बात यह थी कि आतंकियों ने हाईअलर्ट के बावजूद कई टारगेट किलिंगों को अंजाम देकर यह जरूर दर्शाया था कि वे जब चाहे और जहां चाहे मार सकते हैं।