जम्मू। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के प्रशासन ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के 3 नेताओं अब्दुल मजीद लारमी, गुलाम नबी भट और डॉ. मोहम्मद शफी को रविवार को श्रीनगर के एमएलए होस्टल से रिहा कर दिया है। एक अन्य नेता मोहम्मद यूसुफ भट को भी रिहा कर दिया है, लेकिन 3 पूर्व मुख्यमंत्रियों, पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल तथा भाजपा सरकार में मंत्री रहे तथा अपने आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का छोटा भाई बताने वाले सज्जाद गनी लोन की रिहाई कब होगी, फिलहाल प्रशासन चुप्पी साधे हुए है।
5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू होने से उपजे हालात के बीच प्रशासन ने एहतियात के तौर पर भाजपा नेताओं को छोड़ अलगाववादियों सहित सभी प्रमुख राजनीतिक नेताओं व कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर संटूर होटल में रखा था। इनमें 3 पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं, जिन्हें अलग-अलग जगह रखा गया है। फारूक फिलहाल पीएसए के तहत नजरबंद हैं।
अब तक नेकां और पीडीपी के कई नेताओं को रिहा किया जा चुका है। पिछले माह प्रशासन ने 5 नेताओं को रिहा किया था। ये नेता 5 अगस्त को हिरासत में लिए गए थे। उप जेल एमएलए होस्टल में अभी भी 21 नेता हिरासत में रखे गए हैं। फिलहाल तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती के अलावा पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन और जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के शाह फैसल बंद ही रहेंगे।
रिहा किए गए नेताओं में पहलगाम से नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व विधायक अल्ताफ अहमद कालू, नेशनल कॉन्फ्रेंस की युवा इकाई के प्रदेश प्रधान, श्रीनगर नगर निगम के पूर्व मेयर सलमान सागर, शौकत गनई, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के पूर्व विधायक निजामदीन बट और मुख्तार बाबा शामिल हैं।
5 अगस्त को हिरासत में लिए गए और अब रिहा किए जाने वाले नेताओं को हालात सामान्य बनाए रखने में सहयोग करने व भड़काऊ बयानबाजी न करने का बांड भरना होता है, लेकिन रिहा नेताओं ने बांड भरा है या नहीं। इसकी किसी ने पुष्टि नहीं की। अधिकारियों ने कहा कि बिना बांड कोई रिहाई नहीं होती।