चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी ने 26 जनवरी को किसानों द्वारा प्रायोजित 'किसान ट्रैक्टर परेड' में भारी संख्या में लोगों की उपस्थिति दर्ज कराने के लिए शनिवार को राज्यभर में मोटरसाइकल रैली निकाली। पार्टी के सभी विधायकों और पदाधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में समर्थकों के साथ मोटरसाइकल रैली का आयोजन किया।
इस अवसर पर 'आप' के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने कहा कि काले कृषि कानून के विरोध में किसानों द्वारा प्रायोजित 26 जनवरी के 'किसान ट्रैक्टर परेड' में ज्यादा से ज्यादा लोगों को एकत्रित करने के लिए आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और विधायकों द्वारा पंजाब के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में मोटरसाइकल रैली का आयोजन किया गया।
आप कार्यकर्ताओं ने मोटरसाइकल रैली के माध्यम से लोंगों को 26 जनवरी को होने वाले किसान ट्रैक्टर परेड में शामिल होने का आह्वान किया और भीषण ठंड में धरने पर बैठे अपने किसान भाइयों-बहनों को अपना समर्थन देने का संदेश दिया।
मान ने कहा, यह रैली कोई राजनीतिक मकसद से नहीं निकाली गई है और न ही इसे राजनीतिक रूप में देखा जाना चाहिए। हम सब किसान परिवार से आते हैं और किसानी हमारे खून में है। हमारे पूर्वज किसान थे और अभी भी पंजाब के 80 प्रतिशत से ज्यादा लोग खेती से जुड़े हुए हैं।
एक किसान का बेटा होने के कारण हमने 26 तारीख को होने वाली किसान ट्रैक्टर परेड में अपना सहयोग देने के लिए इस मोटरसाइकल रैली का आयोजन किया। इस रैली का मकसद किसान संगठनों द्वारा प्रायोजित गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली की सड़कों पर किए जाने वाली किसान ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के लिए लोगों से अपील करना है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग ट्रैक्टर परेड में शामिल हो सकें और किसानों का सौदा करने वाली मोदी सरकार का घमंड चकनाचूर हो सके।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी किसान ट्रैक्टर परेड में राजनीतिक दल के रूप में नहीं, सेवा दल के रूप में शामिल होगी। मान ने कहा, आजादी के बाद देश में पहली बार ऐसी परेड होगी, जहां एक तरफ दिल्ली के भीतर देश के जवान परेड करेंगे और दूसरी तरफ दिल्ली की बाहरी सड़कों पर अपने ट्रैक्टरों के साथ देश के किसान ट्रैक्टर परेड करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक अवसर पर आम आदमी पार्टी के हजारों कार्यकर्ता, सभी विधायक और पदाधिकारी किसान ट्रैक्टर परेड में हिस्सा लेंगे और अपने देश के किसान भाइयों के हौसले बुलंद करेंगे। हम इस परेड में नेता के रूप में नहीं, बल्कि एक सच्चे सेवादार के रूप में भाग लेंगे और धरने पर बैठे अपने किसान भाइयों को हरसंभव मदद करने का प्रयास करेंगे।
उन्होंने कहा कि आज देश बहुत नाजुक दौर से गुजर रहा है। संविधान में निहित सभी अधिकारों को तानाशाह शासन की तरह मोदी सरकार द्वारा रौंदा जा रहा है। संविधान ने देश के सभी नागरिकों को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने और अपनी बात कहने का अधिकार दिया है, लेकिन मोदी सरकार लोगों के इस लोकतांत्रिक अधिकार को तानाशाही रवैया अपनाकर रौंद रही है।
उन्होंने कहा कि संविधान को बचाने के लिए किसान ट्रैक्टर परेड में शामिल होना भारत के प्रत्येक देशभक्त नागरिक का नैतिक कर्तव्य है।उन्होंने कहा कि पिछले कई महीनों से देश के किसान काले कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार उनकी मांगों को मानने के बजाय किसानों को पाकिस्तान तथा चीन के एजेंट, गद्दार और खालिस्तानी कहकर आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश में लगी है।
एक लोकतांत्रिक देश के लिए इससे ज्यादा गर्व की बात और क्या हो सकती है कि पिछले दो महीने से लाखों किसान भीषण ठंड को झेलते हुए बिना कोई हिंसा किए, शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। यह आंदोलन अपने आप में खास है और पूरी दुनिया में एक नया इतिहास रच रहा है। मोदी सरकार को अब अपने मन की नहीं, किसानों के मन की बात सुननी चाहिए और काले कानूनों को तुरंत रद्द करना चाहिए।