नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी पश्चिम बंगाल में हुए कथित कोयला घोटाले से संबद्ध मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में पूछताछ के लिए सोमवार को दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव (34 साल) को मध्य दिल्ली स्थित केंद्रीय जांच एजेंसी के नए कार्यालय में सुबह करीब 11 बजे प्रवेश करते देखा गया।
अधिकारियों ने बताया कि अभिषेक बनर्जी का बयान मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया जाएगा। मामले में जांचकर्ताओं द्वारा एकत्र किए गए कुछ 'सबूतों' को उनके समक्ष पेश करके भी उनसे पूछताछ किए जाने की भी उम्मीद है। उन्होंने बताया कि मामले में उनकी भूमिका की जांच की जा रही है।
अभिषेक तथा उनकी पत्नी रुजिरा से पश्चिम बंगाल में किथित कोयला घोटाला से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में पूछताछ की जा रही है। डायमंड हार्बर से सांसद बनर्जी से इस मामले में पिछले साल सितंबर में भी एक बार पूछताछ की गई थी।
दिल्ली के लिए रवाना होते हुए बनर्जी ने रविवार को कोलकाता हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा था कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार, पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव में मिली हार को स्वीकार नहीं कर पा रही है और अपने राजनीतिक हितों के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का इस्तेमाल कर रही है। रुजिरा भी उनके साथ दिल्ली पहुंची हैं। एजेंसी के उनसे मंगलवार को पूछताछ करने की उम्मीद है।
बनर्जी और उनकी पत्नी ने पहले ईडी द्वारा दिल्ली तलब किए जाने के खिलाफ अदालत का रुख किया था। याचिका में कहा गया था कि दोनों पश्चिम बंगाल के निवासी हैं, इसलिए एजेंसी द्वारा उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में पेश होने के लिए नहीं बुलाया जाए। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 11 मार्च को उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
ईडी ने सीबीआई द्वारा दर्ज नवंबर 2020 की उस प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून, 2002 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है जिसमें आसनसोल और उसके आसपास के कुनुस्तोरिया तथा कजोरा इलाकों में 'ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड' की खदानों से संबंधित करोड़ों रुपए के कोयला घोटाले का आरोप लगाया गया है। ईडी ने दावा किया है कि सांसद इस अवैध कारोबार से प्राप्त धन के लाभार्थी हैं। बनर्जी ने सभी आरोपों से इंकार किया है।