आमरण अनशन पर बैठे सोनम वांगचुक, केंद्र सरकार से बातचीत विफल होने के बाद फैसला
लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग को लेकर 6 सदस्यीय डेलीगेशन की केंद्र सरकार के साथ बातचीत असफल हो गई है। इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। बातचीत नाकाम रहने के बाद एक बार फिर बुधवार को प्रदर्शन की शुरुआत हो गई।
बुधवार को लेह धार्मिक संगठन ने लेह बंद बुलाया। इसके साथ ही एनडीएस स्टेडियम में सार्वजनिक रैली की। इसमें कई संगठनों और राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया। इसमें बड़ी संख्या में आम लोग भी पहुंचे।
एक रैली को संबोधित करते हुए पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने आमरण अनशन की घोषणा की। रैली में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। इसमें महिलाएं भी शामिल हुईं।
क्या है मांग : लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) की ओर से लद्दाख को राज्य का दर्जा देने, इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने और काफी ऊंचाई पर स्थित इस क्षेत्र के लिए एक विशेष लोक सेवा आयोग के गठन की मांग की जा रही है।
2019 में केंद्र शासित प्रदेश : मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 रद्द कर दिया था। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। जम्मू कश्मीर में विधानसभा होगी जबकि लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित राज्य बनाया गया।
दो बैठकों में नहीं निकला नतीजा : लद्दाख के लोगों की मांगों पर विचार करने के लिए गठित एक उपसमिति की सोमवार को केंद्र सरकार के पदाधिकारियों के साथ लगातार हुई दो बैठकों में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला और उसने भविष्य की कार्रवाई के लिए क्षेत्र के लोगों के साथ परामर्श करने का फैसला किया है।
गृह मंत्री के घर भी बैठक : एलएबी और केडीए की उपसमिति ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सलाहकार के साथ बैठक की। दोनों संगठनों की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया कि बैठक बिना किसी ठोस नतीजे के ही समाप्त हो गई। इसके बाद उपसमिति ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ उनके आवास पर बैठक की। दोनों संगठनों ने कहा कि इस बैठक का भी कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला। इनपुट एजेंसियां