गुवाहाटी। कोरोना काल में असम में अफ्रीकी स्वाइन बुखार का कहर दिखाई दे रहा है। इस बीमारी की शुरुआत अप्रैल 2019 में अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे चीन के शिजांग प्रांत से हुई थी। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने अफ्रीकी स्वाइन बुखार से बुरी तरह प्रभावित इलाकों में करीब 12,000 सूअरों को मारने का आदेश दिया।
पशु पालन एवं पशु चिकित्सा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वायरस के कारण अब तक राज्य के 14 जिलों में 18,000 सूअरों की जान जा चुकी है। प्रभावित जिलों में रोग से बुरी तरह प्रभावित 30 क्षेत्रों के एक किलोमीटर के दायरे में किया सूअरों का मारा जाएगा।
विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के दिशानिर्देशों के अनुपालन में, और विशेषज्ञों की राय का पालन करते हुए, सभी प्रभावित जिलों में संक्रमित सूअरों को मारने का काम दुर्गा पूजा से पहले पूरा किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सूअरों को मारने के इस अभियान से किसानों को होने वाले नुकसान की पर्याप्त रूप से क्षतिपूर्ति की जाएगी। 12,000 सूअरों के मालिकों के बैंक खातों में धन जमा कराया जाएगा जबकि पहले ही मर चुके 18,000 सूअरों के मालिकों को आर्थिक सहायता देने के लिए सरकार को एक प्रस्ताव भेजा गया है।
बैठक के दौरान, सोनोवाल ने बताया कि केंद्र ने पहले ही मुआवजे की पहली किस्त जारी कर दी है और राज्य सरकार महामारी से निपटने के उपायों के लिए राशि सहित मुआवजे का हिस्सा जल्द जमा करेगी।
उन्होंने पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग को भी प्रभावित क्षेत्रों को संवेदनशील घोषित करने के लिए कहा ताकि स्वस्थ पशुओं को संक्रमण से बचाया जा सके और राज्य भर के सभी सरकारी खेतों का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया।
स्वाइन बुखार के प्रकोप के बाद, केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार राज्य के बाहर से सूअरों की आपूर्ति रोक दी गई थी।
कृषि मंत्री अतुल बोरा ने कहा कि विभाग द्वारा 2019 की गणना के अनुसार, राज्य में सूअरों की संख्या 21 लाख थी, जो अब बढ़कर 30 लाख हो गई है।
बोरा ने कहा था कि इस बीमारी का पता पहली बार राज्य में इस साल फरवरी के अंत में चला था। लेकिन इसकी शुरुआत अप्रैल 2019 में अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे चीन के शिजांग प्रांत से हुई थी। (भाषा)