कोलकाता/भुवनेश्वर/नई दिल्ली। कोरोना महामारी से लड़ रहे देश में ताउते के बाद अब यास (Yaas) तूफान का खतरा मंडरा रहा है। 'यास' चक्रवात के आगमन को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। बचाव और राहत टीमों को वायुमार्ग से एक स्थान से दूसरे स्थानों पर भेजा जा रहा है और रक्षा विमानों तथा नौसैनिक पोतों को अलर्ट पर रखा गया है। आईएमडी के मुताबिक चक्रवात के कारण 155-165 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चलेगी।चक्रवात यास के चलते पूर्वी रेलवे ने 24 मई से 29 मई के बीच 25 ट्रेनों को रद्द कर दिया है।
भारतीय वायुसेना ने चक्रवात यास से उत्पन्न स्थिति से निपटने की तैयारियों के तहत मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों के लिए 11 परिवहन विमान और 25 हेलीकॉप्टर तैयार रखे हैं। यास के बुधवार को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के पूर्वी तटीय इलाकों में दस्तक देने अनुमान है। इससे एक सप्ताह पहले ही पश्चिमी तट आया 'ताउते' चक्रवात बर्बादी की दास्तान छोड़ गया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र अब दबाव वाले क्षेत्र में बदल गया है और वह बहुत गंभीर चक्रवाती तूफानके रूप में 26 मई को पश्चिम बंगाल तथा ओडिशा तटों को पार करेगा। उसने कहा कि दबाव वाले क्षेत्र के सोमवार तक चक्रवाती तूफान यास में बदलने की संभावना है।
प्रधानमंत्री ने की हाई लेवल मीटिंग : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात यास से निपटने के लिए रविवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में राज्यों एवं केंद्र सरकार की एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की और समुद्री गतिविधियों में शामिल लोगों को समय से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक बयान में बताया कि मोदी ने अधिकारियों से राज्यों के साथ करीबी समन्वय स्थापित कर काम करने को कहा, ताकि अत्यधिक जोखिम वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि विद्युत आपूर्ति या संचार नेटवर्क बाधित होने पर उसे तेजी से दुरुस्त किया जाए। मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ उचित समन्वय स्थापित करें और योजना बनाएं कि अस्पतालों में कोविड-19 उपचार एवं टीकाकरण बाधित नहीं हो।
भारतीय वायुसेना ने चक्रवात यास से उत्पन्न स्थिति से निपटने की तैयारियों के तहत मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों के लिए 11 परिवहन विमान और 25 हेलीकॉप्टर तैयार रखे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवात से निपटने के लिए सरकार द्वारा कई उपायों की शुरुआत करने के बीच वायुसेना ने रविवार को तीन अलग-अलग स्थानों से 21 टन राहत सामग्री और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 334 कर्मियों को हवाई मार्ग से कोलकाता और पोर्ट ब्लेयर पहुंचाया।
अधिकारियों ने कहा कि राहत सामग्री, उपकरण और कर्मियों को पटना, वाराणसी और अराक्कोनम से पांच सी-130 विमानों का उपयोग करके पहुंचाया गया। एक अधिकारी ने कहा कि यह चक्रवात यास के मद्देनजर तैयारी के तहत है और अभियान 21 मई से जारी है। आज तक, भारतीय वायुसेना ने इस उद्देश्य के लिए 606 कर्मियों और 57 टन सामग्री को हवाई मार्ग से पहुंचाया है।
नौसेना ने कहा है कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल में मौजूदा संसाधनों को बढ़ाने के लिये आठ बाढ़ राहत बचाव टीमों और चार गोताखोर टीमों को तैनात किया गया है। नौसेना के चार जहाजों को मानवीय मदद और आपदा राहत सामग्री तथा मेडिकल टीमों के साथ तैयार रखा गया है।
इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि उसने सभी ऐहतियाती कदम उठाए हैं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हालात पर नजर रखने के लिये नियंत्रण कक्ष में मौजूद रहेंगी। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शनिवार को तैयारियों का जायजा लेते हुए अधिकारियों को निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार ने बालेश्वर, भद्रक, केन्द्रपाड़ा और जगतसिंहपुर समेत 14 जिलों को अलर्ट पर रखा है।
आईएमडी के चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने कहा कि दबाव वाले क्षेत्र के उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने तथा 24 मई की सुबह तक चक्रवाती तूफान तथा इसके अगले 24 घंटों के दौरान बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। यह उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ता रहेगा, और मजबूत होगा तथा 26 मई की सुबह तक पश्चिम बंगाल और उत्तर ओडिशा तटों के समीप उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी पहुंचेगा। उसने बताया कि इसके 26 मई की शाम तक बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान के तौर पर पारादीप और सागर द्वीपों के बीच उत्तर ओडिशा-पश्चिम बंगाल पार करने की संभावना है। केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें चक्रवात से निपटने की तैयारी कर रही हैं।