नई दिल्ली। दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी ने देश में भीड़ द्वारा पीट- पीटकर मारे जाने (मॉब लिंचिंग) की घटनाओं को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुस्लिम समुदाय के लोगों पर हो रहे हमलों पर चुप्पी साधे रखने पर उनसे कांग्रेस पार्टी का रुख स्पष्ट करने को भी कहा है।
इमाम बुखारी ने प्रधानमंत्री को सोमवार को अंग्रेजी में लिखे 2 पन्नों के पत्र में मोदी सरकार पर चुनावी वादे 'सबका साथ, सबका विकास' को निभाने में असफल रहने का आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा कि आपने देश के 125 करोड़ लोगों के साथ समानता का बर्ताव करने का वादा किया था किंतु दुर्भाग्य की बात है कि जमीनी वास्तविकता न केवल इसके विपरीत है बल्कि देश के प्रत्येक सभ्य नागिरक के लिए चिंता का विषय भी है।
उन्होंने लिखा कि गौरक्षक अथवा गाय सतर्कता के नाम पर हो रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर मोदी की कड़ी चेतावनी के बावजूद समाज विरोधी तत्वों पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार बड़ी चतुराई से कुछ केंद्रीय मंत्रियों और विधायकों को प्रोत्साहित कर रही है, जो अल्पसंख्यकों का नाम लेकर बयान दे रहे हैं। भाजपा दंगारहित समाज की बात करती हैं किंतु वर्तमान में एक-एक बात हिन्दु-मुस्लिम परिप्रेक्ष्य में की जा रही है। सरकार और मीडिया का एक बड़ा वर्ग यह काम बूखबी कर रहा है।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है केंद्र और राज्यों की सरकारें अपने वादे पर अमल करें। इमाम ने कहा कि उन्हें आज भी विश्वास है कि संबंधित राज्य 25 करोड़ मुस्लिमों के भय को दूर करने के लिए तत्काल ठोस कदम उठाएंगे। उन्होंने राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि वर्तमान में देश में जिस तरह के हालात हैं, उसमें मुस्लिम समुदाय का कारोबार करना मुश्किल हो गया है। मौजूदा समय में मुस्लिम समुदाय की जैसी स्थिति है, ऐसी पिछले 7 दशकों में नहीं रही है। मॉब लिंचिंग के नाम पर इस समुदाय के 64 लोगों को मार दिया गया।
पत्र में बुखारी ने गांधी से सवाल किया है कि सरकार जो बर्ताव मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ कर रही है, उस पर वे चुप्पी क्यों साधे हुए हैं? उन्होंने लिखा कि क्या मुस्लिमों पर अत्याचार की घटनाओं पर वे चुप्पी साधे रहेंगे? बुखारी ने गांधी से अपील की है कि जिम्मेदार विपक्ष के नाते उन्हें मुस्लिमों की सुरक्षा के लिए सत्ता पक्ष पर दबाव बनाना चाहिए जिससे देश में अल्पसंख्यक पहले की तरह निर्भीक होकर रह पाएं।
उर्दू में लिखे पत्र में बुखारी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के युवाओं का टोपी पहनकर और दाढ़ी रखकर घर से बाहर निकलना दुरूह हो गया है। उनकी जान-माल को हमेशा खतरा बना हुआ। देश में अल्पसंख्यकों के लिए पहले की तरह निर्भीक माहौल बनाया जाए जिससे कि वे बेखौफ जीवन व्यतीत कर सकें। (वार्ता)