Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

टू फ्रंट वॉर के लिए Air Force तैयार, पर इस बात को लेकर वायुसेना चीफ ने जताई चिंता

हमें फॉलो करें टू फ्रंट वॉर के लिए Air Force तैयार, पर इस बात को लेकर वायुसेना चीफ ने जताई चिंता
, मंगलवार, 5 अक्टूबर 2021 (22:26 IST)
नई दिल्ली। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान और चीन का गठजोड़ इतनी चिंता की बात नहीं है और वायुसेना दो मोर्चों पर एकसाथ किसी भी आकस्मिक स्थिति का सामना करने को तैयार है लेकिन पाकिस्तान से पश्चिमी प्रौद्योगिकी का चीन को हस्तांतरण चिंता का विषय है।
 
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के निकट चीनी वायुसेना अपने क्षेत्र में अभी भी 3 वायु सैनिक ठिकानों पर टिकी हुई है लेकिन इस बात से और अन्य ढांचागत तैयारियों से भारतीय वायुसेना पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगले दशक के अंत तक वायुसेना में लड़ाकू विमानों के स्कवैड्रनों की संख्या स्वीकृत 42 के बजाय 35 तक ही पहुंच पाएगी।
 
एयर चीफ मार्शल चौधरी ने वायुसेना के 89 वें स्थापना दिवस से पहले आज वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में पाकिस्तान और चीन की सेनाओं के बीच बढते गठजोड़ के बारे में पूछे जाने पर कहा कि कुछ देशों की सेनाएं आपस में गठजोड़ करती हैं और उनके अधिकारी भी आपस में मिलते तथा बात करते हैं इसमें डरने की बात नहीं है लेकिन पाकिस्तान से चीन को पश्चिमी प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि वायुसेना दो मोर्चों पर एक साथ किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है।
 
वास्तविक नियंत्रण रेखा के निकट चीन की तैयारियों से खतरे के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि चीनी वायुसेना अपने क्षेत्र में 3 वायु सैनिक ठिकानों पर डटी हुई है लेकिन हम भी पूरी तरह से तैयार तथा किसी भी स्थिति से निपटने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने कहा कि अत्यधिक ऊंचे क्षेत्रों से मिशन चलाने की चीन की क्षमता अपेक्षाकृत कमजोर है।
 
उन्होंने कहा कि बदली हुई परिस्थितियों में जरूरत इस बात की है कि हम मल्टी डोमेन क्षेत्र में युद्ध करने की क्षमता हासिल करें। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रूस से बहुप्रतीक्षित एस-400 डिफेंस मिसाइल इस वर्ष के अंत तक मिल जाएगी। एयर चीफ मार्शल चौधरी ने तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बढाने के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे सभी की मारक क्षमता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि ऐसा करते समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि हर सेना की ताकत का सही इस्तेमाल हो और उसे उसी के अनुरूप तवज्जो मिले। उन्होंने कहा कि इस बारे में विचार विमर्श चल रहा है और उम्मीद है कि इस पर सभी की सहमति बनेगी।
 
उन्होंने कहा कि बदली परिस्थितियों में रणक्षेत्र भी बदल गए हैं और इन चुनौतियों से निपटने के लिए हमें मल्टी डोमेन में युद्ध करने की ताकत हासिल करनी होगी। ड्रोन रोधी तकनीक विकसित पर करने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इसके साथ ही ड्रोन क्षमता को बढाने की भी जरूरत है और इसके लिए वायुसेना नए स्टार्टअप के साथ अनुबंध कर रही है।
 
लड़ाकू विमानों की दुर्घटना के मामलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इनमें मामूली कमी आई है लेकिन वायुसेना की यह कोशिश रहती है कि सभी विमान उड़ान भरने से पहले पूरी तरह फिट और सर्विसेबल हों। वायुसेना की एक महिला अधिकारी से संबंधित कोयम्बटूर दुष्कर्म मामले पर उन्होंने कहा कि वायुसेना के कानून बेहद सख्त हैं और उस महिला अधिकारी पर प्रतिबंधित टू फिंगर टेस्ट नहीं किया गया है इस बारे में गलत खबर दी गई है। इस संंबंध में सभी जरूरी कार्रवाई की जा रही है।
 
वायुसेना के स्थापना दिवस 8 अक्टूबर को हिंडन एयर बेस पर 60 से भी अधिक लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर तथा मालवाहक विमान अपनी ताकत, क्षमता और जौहर का परिचय देंगे। इनमें वायुसेना के बेड़े में हाल फिलहाल शामिल किए जा रहे राफेल, स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस, लंबे समय से वायुसेना की ताकत बने हुए मिग 21 बाइसन, सुखोई-30, जगुआर, मिग-29, चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टर, मालवाहक विमान हरक्यूलिस तथा ग्लोबमास्टर आदि शामिल हैं।(वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

नई कोरोना गाइडलाइन: सोसायटी,मोहल्लों में होंगे गरबे, कोचिंग,जिम पूरी तरह अनलॉक,शादी-विवाह के लिए नए नियम तय