Dhruv helicopter Crash: नई दिल्ली। एयरफोर्स का ध्रुव हेलीकॉप्टर (Dhruv helicopter) पर एहतियात के तौर पर संचालन पर रोक लगाने का फैसला लिया गया था। हेलीकॉप्टरों से जुड़ी 2 दुर्घटनाओं के बाद से ये हेलीकॉप्टर मैदान में ही खड़े हैं। इन हेलीकॉप्टरों को उड़ान भरे करीब 1 महीने से अधिक का समय हो गया। सेना का ध्रुव हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हुआ था।
एयरफोर्स का ध्रुव हेलीकॉप्टर पर रोक सेना की तरफ से आए बयान में कहा गया था कि गुरुवार को करीब 11.15 बजे ऑपरेशनल मिशन पर रवाना हुए ध्रुव हेलीकॉप्टर ने किश्तवाड़ की मरुआ नदी के तट पर लैंडिंग के दौरान हादसे की चपेट में आया था।
जानकारी के मुताबिक पायलटों ने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) को तकनीकी खराबी की सूचना दी थी। 16 मार्च को अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला चीता हेलीकॉप्टर एटीसी से संपर्क टूटने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। दुर्घटना में दोनों पायलटों लेफ्टिनेंट कर्नल विनय बानू रेड्डी और मेजर जयंता ए. की मौत हो गई। इस मामले में हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए गए हैं।
Edited by: Ravindra Gupta