मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है वायु प्रदूषण

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 14 नवंबर 2024 (23:23 IST)
Air pollution News : राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता के बिगड़ने के बीच यहां के चिकित्सकों ने कहा कि इसका असर सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि संज्ञानात्मक स्वास्थ्य पर भी इसका असर है, जो व्यक्ति के मिजाज और भावनात्मक क्षमता को प्रभावित करता है।
 
दिल्ली की वायु गुणवत्ता के ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के एक दिन बाद स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं ने लोगों को बाहरी गतिविधियों को कम करने, पानी अधिक से अधिक पीने, बाहर निकलते समय एन95 मास्क पहनने और घर के अंदर ‘एयर प्यूरीफायर’ का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया।
ALSO READ: कैसे देशभर में जान का दुश्मन बना Air Pollution का जहर, भारत में हर साल होती हैं इतनी मौतें!
गुरुग्राम में पारस हेल्थ के श्वसन चिकित्सा के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अरुणेश कुमार ने कहा कि त्योहारों के बाद प्रदूषण के प्रभाव से शरीर को बचाने के लिए खासकर सुबह और देर शाम के समय बाहरी गतिविधियों को सीमित करने की जरूरत है, जब वायु गुणवत्ता आमतौर पर खराब होती है।
 
उन्होंने कहा, अगर बाहर जाना जरूरी है, तो एन 95 मास्क पहनने से हानिकारक कणों को फिल्टर करने में मदद मिल सकती है। घर के अंदर, एचईपीए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह पार्टिकुलेट मैटर को काफी हद तक कम कर सकता है।
ALSO READ: Air Pollution in india: भारत में वायु प्रदूषण से सभी उम्र वर्ग के लोगों में मृत्यु का जोखिम काफी बढ़ा
कुमार ने कहा, इसके अलावा, एलोवेरा और स्नेक प्लांट जैसे इनडोर पौधे रखने से प्राकृतिक रूप से वायु गुणवत्ता में सुधार होता है। बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर के साथ विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में इसके प्रभाव शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य से भी जुड़े हैं।
 
मानसिक स्वास्थ्य और आरोग्य सेवा संगठन ‘मनस्थली’ की संस्थापक-निदेशक और वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. ज्योति कपूर ने कहा, चूंकि हम पीएम 2.5 और जहरीले रसायनों जैसे हानिकारक प्रदूषकों के संपर्क में हैं, इसलिए हम मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो गए हैं, जिसमें बढ़ी हुई चिंता, तनाव और यहां तक ​​कि अवसाद भी शामिल है।
ALSO READ: Delhi Pollution : दिल्ली में प्रदूषण का कहर, गंभीर श्रेणी में पहुंचा AQI
उन्होंने कहा, वायु प्रदूषण का प्रभाव हमारे फेफड़ों या हृदय तक ही सीमित नहीं है। हमारे मूड, ध्यान और भावनात्मक लचीलेपन को प्रभावित करता है। डॉ. कपूर ने कहा, स्वच्छ हवा और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को प्राथमिकता देकर हम न केवल अपने शरीर की रक्षा करते हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देते हैं, जिससे एक अधिक संतुलित और स्वस्थ शहरी जीवनशैली बनती है।
 
‘स्टीडफास्ट न्यूट्रिशन’ के संस्थापक अमन पुरी ने कहा कि एक स्वस्थ, संतुलित भोजन इन प्रदूषकों के खिलाफ सबसे अच्छी सुरक्षा के रूप में कार्य कर सकता है। विशेषज्ञों ने आहार में भी ऐसे पदार्थ लेने पर जोर दिया जो प्रदूषण के असर को कमजोर कर सकें। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Aadhaar Card से जुड़ी ऐसी जानकारी जो आपको शायद ही पता हो

राजस्थान : SDM को तमाचा जड़ने वाला निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा गिरफ्‍तार, भीड़ के हमले में 2 मीडियाकर्मी घायल, कैमरा जलाया

Manipur Violence : मणिपुर में हिंसा पर केंद्र सरकार ने संभाला मोर्चा, जिरीबाम समेत 6 क्षेत्रों में फिर लगा AFSPA

छात्रों के आगे झुकी UPPSC, अब एक दिन एक शिफ्ट में होगी एग्जाम

Maharashtra Elections: भाजपा सांसद चव्हाण को क्यों रास नहीं आया योगी का नारा बंटेंगे तो कटेंगे

सभी देखें

नवीनतम

मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है वायु प्रदूषण

क्या अब सप्ताह में 5 दिन ही खुलेंगे बैंक

महाराष्ट्र में PM मोदी बोले- कांग्रेस ने गरीबी हटाओ का नारा दिया और गरीबों को ही लूट लिया

देवेन्द्र फडणवीस ने समझाया बंटेंगे तो कंटेंगे नारे का अर्थ, MVA से है ये कनेक्शन

Jharkhand Election : अमित शाह का दावा- BJP 23 नवंबर को सोरेन एंड कंपनी को विदाई दे देगी

अगला लेख