Ajit Dovals ol statement on Balochistan: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, जिन्हें 'भारत का जेम्स बॉन्ड' भी कहा जाता है। डोभाल की 2014 की एक पुरानी चेतावनी इन दिनों सोशल मीडिया पर तहलका मचा रही है। उनका वह बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि आप एक और मुंबई (26/11) करेंगे, तो बलूचिस्तान खो सकते हैं। 11 मार्च 2025 को बलूचिस्तान बीएलए द्वारा ट्रेन हाईजैक के बाद यह बयान फिर से सुर्खियों में है।
डोभाल की चेतावनी, एक पुराना बयान, नया तूफान : 11 साल पहले, 2014 में, तमिलनाडु के सास्त्रा विश्वविद्यालय (SASTRA Deemed University) में नानी पालखीवाला मेमोरियल लेक्चर के दौरान अजीत डोभाल ने एक सनसनीखेज बयान दिया था। इस वीडियो में, जो X (पूर्व में ट्विटर) पर @OfficeOfDGP द्वारा 12 मार्च 2025 को शेयर किया गया है, डोभाल ने 'डिफेंसिव ऑफेंस' (रक्षात्मक आक्रमण) रणनीति की बात की। उन्होंने कहा था- 'अगर पाकिस्तान मुंबई जैसे आतंकी हमले करता है, तो भारत को बलूचिस्तान में जवाब देना चाहिए, क्योंकि वहां की अस्थिरता पाकिस्तान के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।' यह बयान उस वक्त सुर्खियों में आया था, लेकिन 2025 में इसका महत्व और बढ़ गया है। ALSO READ: बलूचिस्तान से लेकर POK में उथल-पुथल शुरू, क्या सच होगी जयशंकर की बात?
वीडियो में डोभाल की गहरी आवाज और आत्मविश्वास भरे शब्दों ने लोगों को प्रभावित किया। वो एक मंच पर खड़े होकर कहते हैं, 'आप एक मुंबई करें, और हम आपको बलूचिस्तान खोते हुए देखेंगे।' यह बयान उस समय भारत की 26/11 मुंबई हमले (2008) के जवाब में रणनीतिक सोच को दर्शाता था, लेकिन आज यह बलूचिस्तान में बढ़ते विद्रोह के संदर्भ में लोगों के दिलों में डर और उत्साह दोनों जगाने लगा है।
बलूचिस्तान, पाकिस्तान का सबसे बड़ा लेकिन सबसे कम आबादी वाला प्रांत, प्राकृतिक संसाधनों (जैसे गैस और खनिज) से भरा है, लेकिन वहां लंबे समय से अलगाववादी आंदोलन चल रहे हैं। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) जैसे समूह पाकिस्तान से आजादी की मांग करते हैं और अक्सर सैन्य ठिकानों, चीनी परियोजनाओं, और नागरिकों पर हमले करते हैं। मार्च 2025 में BLA ने कई बड़े हमले किए, जिसमें दर्जनों पाकिस्तानी सैनिक और नागरिक मारे गए। इन हमलों में ग्वादर पोर्ट और क्वेटा जैसे महत्वपूर्ण इलाकों को निशाना बनाया गया, जिसने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था को हिला दिया। ALSO READ: बलूचिस्तान पर पाकिस्तानी कब्जे की संपूर्ण कहानी
इन हमलों के बाद सोशल मीडिया पर सवाल उठने लगे कि क्या भारत सच में बलूच विद्रोहियों को समर्थन दे रहा है, जैसा कि डोभाल के बयान से संकेत मिलता है। यह चर्चा इसलिए भी तेज हुई क्योंकि पाकिस्तान ने हाल ही में भारत पर बलूच अलगाववादियों को हथियार और पैसा देने का आरोप लगाया। 2020 में सेवानिवृत्त पाकिस्तानी वायु सेना अधिकारी शहजाद चौधरी ने एक लेख "डोभाल का गंदा युद्ध" लिखा था, जिसमें दावा किया गया था कि डोभाल बलूचिस्तान में अस्थिरता फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं। यह लेख उस वक्त विवादास्पद रहा, लेकिन अब डोभाल का पुराना बयान इसे और हवा दे रहा है। ALSO READ: बलूचिस्तान की खनिज संपदा पर चीन की लालची नजर और पाकिस्तानी दमन की खौफनाक कहानी
क्यों वायरल हो रहा बयान?
बलूच विद्रोह का उभार : मार्च 2025 में BLA के हमलों ने पाकिस्तान की सत्ता को हिला दिया है। ग्वादर में चीनी निवेश (सीपेक परियोजना) पर हमले से चीन भी चिंतित है, और भारत को इसके पीछे संदिग्ध मान रहा है। डोभाल का बयान इस संदर्भ में लोगों को लगता है कि भारत सच में बलूचिस्तान में सक्रिय हो सकता है।
पाकिस्तान का आरोप : पाकिस्तान ने दावा किया कि भारत खुफिया एजेंसी RAW के जरिए BLA को हथियार और ट्रेनिंग दे रहा है। ट्रेन हाईजैक के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के राजनीतिक सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने इस घटना के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है। नवंबर 2024 में संयुक्त राष्ट्र में बलूच नेताओं ने मानवाधिकार उल्लंघन और स्वतंत्रता की मांग की थी, जिसने भारत-पाक तनाव को और बढ़ाया। डोभाल का पुराना बयान अब इस आरोप को और हवा दे रहा है।
सोशल मीडिया का असर : ट्विटर (X) पर @OfficeOfDGP जैसे हैंडल्स ने डोभाल के वीडियो को शेयर किया, जिसमें लोग कमेंट्स में लिख रहे हैं, 'डोभाल साहब ने सही कहा था, अब वक्त आ गया है!' कुछ यूजर्स इसे 'भारत की रणनीतिक विजय' कह रहे हैं, तो कुछ इसे 'खतरनाक खेल' मान रहे हैं। वीडियो के 12 मार्च 2025 को शेयर होने के बाद इसे 50,000 से ज्यादा लाइक्स और 20,000 रीट्वीट्स मिले है।
राजनीतिक बहस : बीजेपी समर्थक डोभाल के बयान को 'राष्ट्रीय शक्ति' का प्रतीक बता रहे हैं, जबकि विपक्षी दल इसे 'अस्थिरता फैलाने की साजिश' कह रहे हैं। यह बहस भारत की विदेश नीति और क्षेत्रीय रणनीति पर सवाल खड़ा कर रही है।
डोभाल का 'डिफेंसिव ऑफेंस' : क्या सच में भारत कदम उठा रहा है?
डोभाल का 'डिफेंसिव ऑफेंस' सिद्धांत कहता है कि भारत को सिर्फ रक्षा तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि दुश्मन की कमजोरियों पर हमला करना चाहिए। बलूचिस्तान, जहां पाकिस्तान की सेना और चीनी निवेश (सीपेक) पहले से ही मुश्किलों में हैं, एक ऐसा क्षेत्र बन गया है, जहां भारत रणनीतिक दबाव बना सकता है। लेकिन क्या भारत सच में वहां सक्रिय है? डोभाल के बयान से यह संकेत मिलता है, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं है। पाकिस्तान के आरोपों और भारत की चुप्पी ने इस रहस्य को और गहरा कर दिया है।
एक चेतावनी, कई सवाल : डोभाल की 2014 की चेतावनी आज इसलिए वायरल हो रही है, क्योंकि बलूचिस्तान में उग्र विद्रोह, भारत-पाक तनाव, और चीन की चिंताएं इसे नया संदर्भ दे रही हैं। यह वीडियो सिर्फ एक पुराना बयान नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक सोच और क्षेत्रीय शक्ति का प्रतीक बन गया है। लेकिन इससे कई सवाल भी उठ रहे हैं—क्या भारत सच में बलूचिस्तान में हस्तक्षेप कर रहा है? क्या यह डोभाल की दूरदर्शिता है, या फिर एक राजनीतिक हथियार? सोशल मीडिया पर तूफान मचा यह वीडियो न सिर्फ भारत और पाकिस्तान, बल्कि पूरी दुनिया की नजरें बलूचिस्तान पर टिकाए हुए है। क्या डोभाल का 'डिफेंसिव ऑफेंस' सच में सच साबित होगा, या यह सिर्फ एक चेतावनी भर रहेगी? समय ही इसका जवाब देगा।