अखिलेश को एलडीए ने किया सूचित, सुरक्षा चिंताओं के कारण वे जेपीएनआईसी न करें दौरा

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024 (12:27 IST)
लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को सूचित किया है कि शुक्रवार को यहां जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (JPNIC) का उनका निर्धारित दौरा सुरक्षा के लिहाज से उचित नहीं है, क्योंकि वहां निर्माण कार्य चल रहा है।
 
यहां जेपीएनआईसी के बाहर आधी रात को हुए घटनाक्रम के बाद यादव ने शुक्रवार सुबह उनके घर के पास बैरिकेड्स लगाने को लेकर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की आलोचना की। उनका कहना था कि समाजवादियों को मौके पर जाने से रोकने और समाजवादी विचारक की प्रतिमा पर माल्यार्पण न करने देने के इरादे से ऐसा किया गया।ALSO READ: JPNIC पर लखनऊ में सियासी बवाल, अखिलेश ने जय प्रकाश नारायण को दी श्रद्धांजलि
 
समाजवादी नेता और आपातकाल विरोधी आंदोलन के प्रतीक नारायण जिन्हें आमतौर पर 'जेपी' कहा जाता है, की आज 11 अक्टूबर को जयंती है। एलडीए ने 8 अक्टूबर के अपने पत्राचार का हवाला देते हुए एक पत्र में कहा कि उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव, जिन्हें जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त है, कन्वेंशन सेंटर में स्थित प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहते थे।
 
एलडीए ने 10 अक्टूबर को लिखे पत्र में कहा है कि यह अवगत कराना है कि इंजीनियरिंग विभाग, लखनऊ विकास प्राधिकरण ने कार्यस्थल की अद्यतन स्थिति के संबंध में रिपोर्ट उपलब्ध कराई है जिसमें जेपी नारायण कन्वेंशन सेंटर परियोजना अभी निर्माणाधीन है जिसके कारण निर्माण सामग्री अनियोजित तरीके से रखी गई है और बरसात का मौसम होने के कारण अवांछित जीवों के मौजूद होने की संभावना है। यह स्थल उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, जिन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है, की सुरक्षा की दृष्टि से माल्यार्पण/भ्रमण के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया है।ALSO READ: जेपी एनआईसी सेंटर सील देख भड़के अखिलेश यादव, सपा नेता ने उठाए सवाल
 
यादव ने शुक्रवार की सुबह सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिप और तस्वीरें साझा कीं जिसमें पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) सहित सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के साथ-साथ यहां विक्रमादित्य मार्ग पर उनके घर के पास बैरिकेड्स लगे हैं। यह घर सपा मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर है।
 
उन्होंने एक्स पर कहा कि भाजपा के लोग हों या इनकी सरकार, इनका हर काम नकारात्मकता का प्रतीक है। पिछली बार की तरह समाजवादी लोग कहीं जयप्रकाश नारायणजी की जयंती पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने न चले जाएं, इसीलिए उन्हें रोकने के लिए हमारे निजी आवास के आसपास बैरिकेडिंग कर दी गई है।
 
सपा प्रमुख ने यह भी दावा किया कि भाजपा ने श्रद्धांजलि, पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक), सौहार्द का मार्ग, शांति का मार्ग, संविधान का मार्ग, आरक्षण का मार्ग, किसानों का मार्ग, महिलाओं का सम्मान, युवाओं का विकास, सच्चा मीडिया, रोजगार, व्यापार, पेंशन- तरक्की, उज्ज्वल भविष्य, आजादी का रास्ता रोका है।
 
यादव ने कहा कि भाजपा हमेशा स्वतंत्रता-सेनानियों और स्वतंत्रता-आंदोलन की विरोधी रही है। रास्ते रोकना इन्होंने औपनिवेशिक शक्तियों के साथ रहने और दबे-छुपे उनका साथ देने से सीखा है। जन-जन कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!
 
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने भी इस मुद्दे पर राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने 'एक्स' पर कहा कि सत्ता के मद में चूर भाजपा लोकतंत्र की बैरिकेडिंग करना चाहती है। सत्ता का तंत्र कभी लोक के तंत्र पर भारी नहीं हो सकता। अतीत से सबक लीजिए सरकार! लोकतंत्र में तानाशाही लंबी नहीं चलती। शिवपाल ने सुरक्षा तैनाती का वीडियो भी सोशल मीडिया मंच पर पोस्ट किया।
 
जयप्रकाश नारायण की जयंती की पूर्व संध्या पर अखिलेश कल देर रात गोमती नगर इलाके में जेपीएनआईसी पहुंचे थे और योगी आदित्यनाथ सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने प्रवेश रोकने के लिए इसके मुख्य द्वार को टिन की चादरों के पीछे बंद कर दिया है।
 
पिछले साल सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जेपीएनआईसी के द्वार पर चढ़कर परिसर में स्थित जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करना पड़ा था। अखिलेश यादव ने कल गुरुवार रात केंद्र के बाहर कहा था कि यह जेपीएनआईसी, समाजवादियों का संग्रहालय है, यहां जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा है और इसके अंदर ऐसी चीजें हैं जिनसे हम समाजवाद को समझ सकते हैं।
 
उन्होंने कहा कि ये टिन की चादरें लगाकर सरकार क्या छिपा रही है? क्या ऐसी संभावना है कि वे इसे बेचने की तैयारी कर रहे हैं या किसी को देना चाहते हैं? जेपीएनआईसी का उद्घाटन अखिलेश यादव ने 2016 में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान किया था। हालांकि 2017 में राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद इमारत का काम बंद हो गया। इस केंद्र में जयप्रकाश नारायण व्याख्या केंद्र (संग्रहालय) के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी हैं।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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