वकील, सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता, आम आदमी की सदस्य। ऐसे तमाम तरह के परिचय निकिता जैकब अपने बारे में देती है, लेकिन जब दिल्ली लाल किले को लेकर विवाद पैदा होता है तो वह अपना ट्विटर अकांउट डिलिट कर देती है। दिल्ली पुलिस से उसकी एक बार मुलाकात हो चुकी है, लेकिन दूसरी बार वो पुलिस के पहुंचने से पहले ही गायब हो गई हैं। कहा जा रहा है कि ग्रेटा के टूलकिट मामले में उसका कनेक्शन और भूमिका हो सकती है।
आइए जानते हैं आखिर कौन है निकिता जैकब।
दरअसल, निकिता ने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर एक वेबसाइट का लिंक शेयर किया था। इस वेबसाइट पर उसने अपना परिचय देते हुए बताया है कि वो एक वकील है। साथ ही, सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण के मुद्दों पर भी आवाज उठाती है। निकिता अपने बारे में बताते हुए कहती है कि वो लेखक, गायिका और वॉइस आर्टिस्ट बनना चाहती है। फोटॉग्राफी भी कर लेती है और खाना भी बना लेती है।
दिशा रवि को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और अब इस मामले में पुलिस निकिता जैकब को खोज रही है। इसके साथ ही शांतनु नाम के शख्स की भी पुलिस को तलाश है। कहा जा रहा है कि इन लोगों से टूलकिट के बारे में कई जानकारियों मिल सकती हैं।
सूत्रों की माने तो खालिस्तानी संगठन पॉएटिक जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक एमओ धालीवाल ने निकिता से उसके सहयोगी पुनीत के जरिए संपर्क किया था। इनका मकसद था गणतंत्र दिवस से पहले ट्विटर पर इस मामले को लेकर ट्रेंड करना।
दिल्ली के लाल किला वाला विवाद छिड़ने के बाद निकिता ने अपना ट्विटर अकाउंट डिलीट कर लिया था। तब उसने अपने प्रोफाइल में खुद का परिचय बॉम्बे हाई कोर्ट की वकील, पर्यावरणविद और आम आदमी पार्टी (AAP) से जुड़े होने के तौर पर दे रखा था। नए प्रोफाइल में उसने आम आदमी पार्टी से अपने संबंध की बात हटा दी है। यह भी दावा किया जा रहा है कि निकिता ने 30 जनवरी, 2021 को 'सॉलिडेरिटी विद इंडियन फार्मर्स' के नाम से डॉक्युमेंट तैयार किया था। इसके साथ ही वो इंस्टाग्राम पर भी प्रॉपगैंडा फैलाती रहती है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 11 फरवरी को निकिता जैकब के घर जाकर उसके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की पड़ताल की थी। दिल्ली पुलिस ने तब निकिता से कहा था कि वो फिर से आएगी, लेकिन दोबारा पहुंचने पर निकिता गायब थी। दिल्ली पुलिस का कहना है कि वो गिरफ्तारी से बच रही है और उसने अंतरिम जमानत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में आवेदन दिया है।