ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर चर्चा, कहा- इरादा छोड़े सरकार

Webdunia
रविवार, 5 फ़रवरी 2023 (20:50 IST)
लखनऊ। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रविवार को कहा कि मुसलमान का मतलब अपने आपको अल्लाह के हवाले करना है, इसलिए हमें पूरी तरह शरीअत पर अमल करना है। इसके साथ ही बोर्ड ने सरकार से अनुरोध किया है कि देश के संविधान में हर शहरी को अपने धर्म पर अमल करने की आजादी है, इसलिए वह आम नागरिकों की मजहबी आजादी का एहतराम करते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) का इरादा छोड़ दे।
 
रविवार को आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में नदवतुल उलेमा लखनऊ में बोर्ड की कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पारित कर मुसलमानों से यह आह्वान किया गया।
 
बैठक के बाद बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफ उल्लाह रहमानी की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'बोर्ड की यह बैठक मुसलमानों को यह याद दिलाती है कि मुसलमान का मतलब अपने आपको अल्लाह के हवाले करना है, इसलिए हमें पूरी तरह शरीअत पर अमल करना है।'
 
बोर्ड ने अपने प्रस्ताव में यह भी कहा कि देश के संविधान में बुनियादी अधिकारों में हर शहरी को अपने धर्म पर अमल करने की आजादी दी गयी है, इसमें पर्सनल लॉ शामिल है। इसलिए हुकूमत से अपील है कि वह आम नागरिकों की मजहबी आजादी का भी एहतराम करे और यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) को लागू करना अलोकतांत्रिक होगा।  उन्होंने सरकार से इस इरादे को छोड़ने की अपील की है।
 
धर्मांतरण को लेकर बनाए गए विभिन्‍न राज्‍यों के कानूनों पर क्षोभ प्रकट करते हुए बोर्ड ने यह भी प्रस्‍ताव पारित किया है कि 'धर्म का संबंध उसके यकीन से है, इसलिए किसी भी धर्म को अपनाने का अधिकार एक बुनियादी अधिकार है।
 
उन्होंने बताया कि इसी बिना पर हमारे संविधान में इस अधिकार को स्‍वीकार्य किया गया है और हर नागरिक को किसी धर्म को अपनाने और धर्म का प्रचार करने की पूरी आजादी दी गयी है, लेकिन वर्तमान में कुछ प्रदेशों में ऐसे कानून लाए गए हैं, जो नागरिकों को इस अधिकार से वंचित करने की कोशिश है जो कि निंदनीय है।
 
उल्लेखनीय है कि उत्‍तर प्रदेश में उत्‍तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2021 के अनुसार राज्य में गैर कानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन कराने या पहचान छिपाकर शादी करने के मामले में सख्त सजा का प्रावधान किया गया है।
 
इसके पहले रविवार की सुबह एआईएमपीएलबी के अध्यक्ष मौलाना राबे हसन नदवी ने संवाददाताओं को बताया था, “हम बोर्ड की कार्य समिति की एक बैठक कर रहे हैं। हम समान नागरिक संहिता पर चर्चा करेंगे कि क्या इसे एक ऐसे देश में लागू करना मुनासिब है जहां विभिन्न जाति धर्म के लोग रहते हैं।”
 
उन्होंने कहा कि बैठक में जिन दूसरों मुद्दों पर चर्चा की जाएगी उनमें वक्फ की सुरक्षा और गरीब एवं मुस्लिमों की शिक्षा के लिए इसे कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है, आदि शामिल है। साथ ही यह चर्चा भी की जाएगी कि महिलाओं का जीवन कैसे बेहतर हो और सामाजिक जीवन में उनकी भागीदारी बढ़े। (भाषा) 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

सिंदूर छीनने वालों ने अपना खानदान खोया, Operation Sindoor पर बोले CM योगी

भारत के 80 विमानों ने पाकिस्तान में घुसकर की स्ट्राइक, पाकिस्तानी PM शरीफ ने कहा

Operation Sindoor कोड नेम से कांग्रेस को परेशानी, पृथ्वीराज चव्हाण ने क्यों उठाया सवाल

कहां छिपा है पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड गुल, TRF सरगना का और भी है नाम

कौन हैं लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में सबूतों के साथ पाकिस्तान को किया बेनकाब

सभी देखें

नवीनतम

india pakistan war update : भारत ने पाकिस्तान के 2 JF-17 फाइटर जेट और F-16 जेट को किया तबाह

LIVE: दिल्ली सरकार ने रद्द कीं अधिकारियों की छुट्टियां

CM पुष्कर धामी ने परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से की मुलाकात, जानिए किन मुद्दों पर हुई बात

पाकिस्तान ने जम्मू को बनाया निशाना, मिसाइलों और ड्रोनों से किया हमला, भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब

india pakistan war updates : जम्मू में पाकिस्तानी F-16 को मार गिराया, पाकिस्तान का जम्मू, राजस्थान, पंजाब में कई जगह सुसाइड ड्रोन्स से हमला, S-400 ने सभी को मार गिराया

अगला लेख