जम्मू। अमरनाथ में मंगलवार को भारी बारिश के बाद आई बाढ़ ने एक बार फिर श्रद्धालुओं की मुसीबत बढ़ा दी। हालांकि समय रहते 4000 से ज्यादा श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाल लिया गया। 8 जुलाई को बादल फटने के कारण 16 लोगों की जान चली गई थी।
जानकारी के मुताबिक अमरनाथ में भारी बारिश के बाद बाढ़ आ गई। हालांकि 4000 यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया। सायरन बजने के कारण प्रशासन अलर्ट हो गया था। फिलहाल किसी भी अनहोनी की सूचना नहीं है।
आज रवाना हुए थे 2100 श्रद्धालु : जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से 2,100 से अधिक तीर्थ यात्रियों का एक नया जत्था मंगलवार को दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ की पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए रवाना हुआ।
अधिकारियों ने बताया कि अमरनाथ यात्रियों का 26वां जत्था मंगलवार को सुबह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कड़ी सुरक्षा के बीच 73 वाहनों के काफिले से पवित्र गुफा के लिए रवाना हुआ। उन्होंने बताया कि 26वें जत्थे में कुल 2,189 तीर्थ यात्री शामिल हैं, जो इस साल अमरनाथ यात्रा पर आए किसी भी जत्थे के मुकाबले सबसे कम हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, बालटाल जा रहे 815 तीर्थ यात्रियों ने 23 वाहनों में सवार होकर सबसे पहले जम्मू स्थित आधार शिविर छोड़ा। इसके बाद 1,374 तीर्थ यात्रियों वाला 49 वाहनों का दूसरा काफिला पहलगाम के लिए रवाना हुआ। उन्होंने बताया कि बीते दो दिनों में अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन के लिए आने वाले यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, इसकी वजहें फिलहाल स्पष्ट नहीं हो सकी हैं।
43 दिन लंबी वार्षिक अमरनाथ यात्रा बीते 30 जून को दो प्रमुख मार्गों (दक्षिण कश्मीर का 48 किलोमीटर लंबा पारंपरिक नुनवान-पहलगाम मार्ग और मध्य कश्मीर के गांदरबल का 14 किलोमीटर लंबा बालटाल मार्ग) से शुरू हुई थी। अधिकारियों के अनुसार, इस साल अब तक 2.30 लाख से अधिक तीर्थ यात्री पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। अमरनाथ यात्रा 11 अगस्त को रक्षा बंधन के मौके पर समाप्त होगी।