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पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा पर अनिश्चितता के बादल, कैसी है तैयारियां?

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हमें फॉलो करें Amarnath Yatra 2025

सुरेश एस डुग्गर

, मंगलवार, 6 मई 2025 (15:13 IST)
Amarnath Yatra : पहलगाम नरसंहार के बाद पाकिस्तान पर हमला कर उसे नेस्तनाबूद कर देने का जो स्वर पूरे देश में सुनाई दे रहा है उसने युद्ध से पहले वाकयुद्ध का माहौल पैदा कर दिया है। युद्ध की तैयारियां भी आरंभ होने लगी हैं और इस अनिश्चितता के बीच अमरनाथ यात्रा की तैयारियां भी जारी हैं। ALSO READ: 4 दिन में 1 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए बाबा केदार के दर्शन, क्यों लगी घोड़े खच्चरों के संचालन पर रोक?
 
3 जुलाई से आरंभ हो रही वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए श्राइन बोर्ड ने पहले ही कई प्रबंध किए हैं। श्राइन बोर्ड के प्रवक्ता के बकौल, हिमलिंग के संरक्षण के लिए गुफा के द्वार पर लोहे की ग्रिल पहले ही लगाई जा चुकी है। अब श्राइन बोर्ड ने अपनी एक टीम को गुफा के लिए रवाना करने वाला है। इस टीम के जिम्मे हिमलिंग का संरक्षण करना और इसको सुनिश्चित करना है कि गुफा के भीतर जाकर कोई हिमलिंग से छेड़छाड़ न करे।
 
नतीजतन श्राइन बोर्ड के कर्मियों को गुफा के बाहर उन भक्तों से तकरीबन दो माह तक जूझना होगा जो समय से पहले हिमलिंग के दर्शन इसलिए कर लेना चाहते हैं क्योंकि पिछले कई सालों से यह देखने को मिल रहा है कि यात्रा शुरू होने से पहले ही हिमलिंग पिघल जाता रहा है।
 
यही नहीं पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में तनाव के बीच जम्मू कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा में हर साल प्राकृतिक रूप से बनने वाली हिम शिवलिंग की पहली गैर सरकारी तस्वीर भी सामने आई है। इस बार शिवलिंग ने चौड़ाई का आकार लिया हुआ है। दावानुसार शिवलिंग की इस बार ऊंचाई करीब 8 से 10 फीट है। साल भर लाखों की तादाद में श्रद्धालु अमरनाथ गुफा में बनने वाली इस हिम शिवलिंग की पहली तस्वीर का इंतजार करते हैं।
 
आगामी 3 जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू होने जा रही है। यह यात्रा करीब 38 दिनों तक चलकर 9 अगस्त को छड़ी मुबारक के साथ रक्षाबंधन के दिन पूरी होगी।
 
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जम्मू कश्मीर के राज्यपाल और अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज सिन्हा ने इस साल की अमरनाथ यात्रा की तैयारियों का जायजा भी लिया है। अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की उम्र 13 से 70 साल के बीच होनी चाहिए। इसके लिए मेडिकल सर्टिफिकेट भी जरूरी है।
 
15 अप्रैल से अभी तक आफलाइन और आनलाइन माध्यम से करीब 3 लाख 60 हजार श्रद्धालुओं ने अमरनाथ की यात्रा के लिए एडवांस रजिस्ट्रेशन करवाया है। इस बार बोर्ड ने ई-केवाईसी, आरएफआईडी कार्ड, आन स्पाट रजिस्ट्रेशन और दूसरी व्यवस्थाओं को भी अच्छा करने का निर्णय लिया है जिससे अमरनाथ की पवित्र यात्रा अधिक सुव्यवस्थित और सुरक्षित रहे।
 
सूत्रों की मानें तो पहलगाम हमले का कोई असर अभी तक रजिस्ट्रेशन पर देखने को नहीं मिला है। इस बार पिछली बार से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है पर अब इसके संपन्न होने पर अनिश्चितता के बादल युद्धबादलों के कारण मंडराने लगे हैं।
 
अमरनाथ यात्रा के लिए रास्ता तैयार करने में सीमा सड़क संगठन भी जुटा हुआ है। बालटाल में बर्फ हटाने का काम जारी है। अमरनाथ यात्रा इस बार 3 जुलाई से शुरू होने वाली है। इसे देखते हुए सीमा सड़क संगठन ने तैयारी तेज कर दी है। बीआरओ यात्रा के लिए बालटाल रूट तैयार करने में जुटा है। ये पवित्र गुफा तक पहुंचने के प्रमुख रास्तों में से एक है। सीमा सड़क संगठन के कर्मचारी बर्फ हटाने में कड़ी मेहनत कर रहे हैं ताकि इस रास्ते से पवित्र गुफा के दर्शन के लिए जाने वाले हजारों श्रद्धालुओं का सफर सुरक्षित और आरामदायक हो।
edited by : Nrapendra Gupta 

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