श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों के साथ समीक्षा बैठक की। राजभवन में हुई उच्च स्तरीय बैठक के दौरान गृहमंत्री को केंद्र शासित प्रदेश से आतंकवाद को खत्म करने के लिए उठाए गए कदमों और सुरक्षाबलों द्वारा घुसपैठ रोधी उपायों की जानकारी दी गई।
अधिकारियों ने बताया कि बैठक में उप राज्यपाल और सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), पुलिस और अन्य एजेंसियों के वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों सहित नागरिक प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया। खबरों के मुताबिक शाह ने कहा कि आतंकियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रहेगी।
गृहमंत्री ने आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों के परिजनों और आतंकी घटनाओं में मारे गए नागरिकों के परिजनों से भेंट की। उन्होंने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक को विश्वास दिलाता हूं मोदी सरकार व पूरा देश आपके साथ मज़बूती से खड़ा है। भारत ऐसी किसी भी कायरतापूर्ण हिंसा से डरने वाला नहीं।
युवाओं से कहा, नए जम्मू-कश्मीर का निर्माण होगा : केंद्रीय गृहमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के विभिन्न यूथ क्लब (युवा मंडलों) के सदस्यों के साथ ऑनलाइन चर्चा की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद कम हुआ है। पहले पत्थरबाजी होती थी, अब सकारात्मक बदलाव आया है। मैं आप को भरोसा दिलाता हूं कि जो लोग जम्मू-कश्मीर की शांति में खलल डालना चाहते हैं, उनसे सख्ती से निपटा जाएगा। अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर की संवैधानिक स्थिति में परिवर्तन और पुनर्गठन के बाद गृहमंत्री की जम्मू-कश्मीर की यह पहली यात्रा है।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद घाटी में जो कर्फ्यू लगाया गया था, वह यहां के शांति के लिए था। लोगों को कुछ समय के लिए दिक्कतें जरूर हुईं, पर यह उनकी दीर्घकालिक भलाई के लिए था। गृहमंत्री ने कहा कि उस समय कर्फ्यू इसलिए लगाना पड़ा, क्योंकि घाटी में हिंसा भड़काने की साजिश थी। उसके बना हिंसा होती। उससे हमने किसको बचाया? वे यहां के युवक ही हैं, जिनकी इससे रक्षा हुई।
उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य होने पर अब कर्फ्यू हटा लिया गया है। अब भी किसी को तकलीफ है, तो मेरा कहना है कि यह कष्ट लम्बे समय की अमन शांति के लिए है। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री को इससे क्या मिल रहा है। उन्हें हर रोज कश्मीर की फिक्र रहती है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में 70 सालों में तीन परिवारों का शासन रहा। इस दौरान यहां 40 हजार लोग क्यों मारे गए? इस बात का कोई जवाब है?
शाह ने राज्य के युवाओं के दिल को छूने के लिए कहा कि वह युवाओं का दिल की गहराई से सम्मान करते हैं। युवाओं के बिना कोई परिवर्तन नहीं हो सकता। हमारे देश और दुनिया के लोग कश्मीर को जानते हैं। हमने मोदीजी के नेतृत्व में एक नये कश्मीर का निर्माण शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि मैंने यहां हर मजहब के युवाओं से बात की है। ढाई साल पहले यहां से आतंकवाद और पत्थरबाजी के समाचार आते थे। आज यहां के युवा विकास तथा रोजगार की बात कर रहे हैं। यह बड़ा बदलाव हुआ है। गृहमंत्री ने युवकों को यह बात याद रखने को कहा कि जीवन संभावनओं से भरा है। इन अवसरों का उपयोग करना उन पर निर्भर करता है। उन्होंने उनसे सवाल किया कि आप बैठ- बैठे शिकायतों का रोना-रोना चाहते है, नकारात्मक सोच में पड़े रहना चाहते हैं या सकारात्मक विचारों के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं।
शाह ने इससे पहले यहां राजभवन में एक उच्च स्तरीय बैठक में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा की। उल्लेखनीय है कि राज्य में पिछले कुछ सप्ताह में आतंकवादियों ने दूसरे प्रांतों के कई लोगों की हत्या कर दी है। आतंकवादियों ने यहां के कुछ अल्पसंख्यक समुदायों के व्यक्तियों को भी निशाना बनाया है।