नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त होने के बाद से कश्मीर में शांति है, वहां व्यवसाय के लिए अच्छा निवेश हो रहा है और पर्यटक आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से सफलतापूर्वक निपटने के लिए संसाधनों का उचित इस्तेमाल सुनिश्चित किया।
यहां आयोजित एचटी लीडरशिप समिट में अपने संबोधन में शाह ने कहा कि देश ने पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे सीमापार आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान के घर में घुसकर मारा गया।
शाह ने कहा कि किसी को विश्वास नहीं था कि अनुच्छेद 370 और 35 ए को हटाया जा सकता है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में यह कर दिखाया। शाह ने कहा कि मैं कह सकता हूं कि अब कश्मीर में शांति है, निवेश हो रहा है और पर्यटक आ रहे हैं। धीरे-धीरे कश्मीर में हालत सामान्य हो रहे हैं और वह देश के साथ एक होकर खड़ा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए यह स्पष्ट कर दिया कि भारतीय सीमा में घुसना इतना आसान नहीं है। शाह ने कहा कि अब तक इस काम को करने के लिए इसराइल और अमेरिका का ही नाम लिया जाता था लेकिन अब भारत भी उस सूची में शामिल हो गया है।
शाह ने कहा कि हम सबके साथ शांति चाहते है। हमारी सीमाओं की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और हमने इस संदर्भ में एक स्पष्ट संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि इसके कारण भारत को अब दुनियाभर में एक अलग तरह की स्वीकार्यता मिली है। कोविड-19 के बारे में हाल की चुनौतियों पर केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की प्रभावी नीतियों के कारण महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था शीघ्र उबरने में कामयाब हुई है। भारतीय अर्थव्यवस्था अब दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही है।
मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए शाह ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ, जब भारत की सुरक्षा नीति उसकी विदेश नीति की छाया से बाहर आई। मोदी सरकार के सत्ता में आने से पहले के 10 साल में देश में नीतिगत पंगुता की स्थिति थी, प्रधानमंत्री कार्यालय की कोई भूमिका नहीं होती थी और दुनिया में भारत के प्रति सम्मान कम हुआ था। शाह ने कहा कि हमने 2014 में राजनीतिक स्थायित्व पाया, क्योंकि उससे पहले देश में लंबे समय तक गठबंधन की सरकारों का दौर था।