जम्मू। सेना ने शीतकाल में सीमा पार से घुसपैठ की आशंका के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर चौकसी और बढ़ाई है। सेना के सूत्रों के बकौल, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से सर्दियों में घुसपैठ हो सकती है। पीओके में आतंकवादियों के शिविर चल रहे हैं और वे सभी घुसपैठ की फिराक में हैं इसलिए आने वाले दिन ज्यादा चुनौतीपूर्ण हैं।
रक्षाधिकारी ने आश्वस्त करते हुए कहा कि सेना सतर्क है और घुसपैठियों को कड़ा जवाब देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों से प्रशिक्षित आतंकवादी घुसपैठ कर सकते हैं। उन क्षेत्रों का जायजा सेना के वरिष्ठ अधिकारी ले चुके हैं। उन्होंने बताया कि सतर्कता सूत्रों के अनुसार सीमा पार से घुसपैठ की तैयारी चल रही है लेकिन सेना उसका जवाब देने के लिए तैयार है।
बताया जा रहा है कि आतंकवाद को बल देने के लिए सीमा पार लांचिंग पैडों पर तैयार सैकड़ों आतंकियों को घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तान सीमा पर कमजोर कड़ी तलाश रहा है। पड़ोसी देश ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी से पहाड़ी दर्रों के बंद होने से पहले घुसपैठ करवाने के लिए फिर दुस्साहस करेगा।
सूत्रों के अनुसार, सेना व बीएसएफ के भारी दबाव के कारण अब सीमा पार से आतंकियों के छोटे दलों को घुसपैठ करवाने की कोशिशें हो रही हैं। बड़े दलों की घुसपैठ में अधिक नुकसान की संभावना रहती है।
असल में नवंबर के अंतिम सप्ताह से पहाड़ी इलाकों में घुसपैठ के रूट बंद होने के पुख्ता संकेत मिलने के बाद एलओसी पर ऐसे स्थानों को चिन्हित किया गया है जो भारी गोलीबारी की आड़ में घुसपैठ करने के लिए पाकिस्तान का अगला निशाना हो सकते हैं।
ऐसे स्थानों पर रात के समय घुसपैठ पर नजर रखने के लिए जवानों की तैनाती बढ़ाने के साथ हैंड हेल्ड थर्मल इमेजरों, सेंसरो व नाइट विजन यंत्रों की संख्या बढ़ाई गई है। माना कि एलओसी पर बर्फबारी के कारण भयानक सर्दी का माहौल है।
लेकिन पाक सेना इसमें भी घुसपैठ के प्रयासों को अंजाम देकर गर्मी पैदा करने की कोशिश में है। सेना प्रवक्ता का कहना है कि पाक सेना के लिए असल में ये आतंकी सिरदर्द और बोझ बन गए हैं जिन्हें वह जल्द से जल्द और भयानक परिस्थितियों की परवाह किए बिना इस ओर धकेलना चाहती है।