नई दिल्ली। लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को असदुद्दीन को खरी-खरी सुनाई। उन्होंने कहा कि आप बातें हिन्दू-मुस्लिम की करते हैं और खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं। क्या एक मुस्लिम अफसर हिन्दू जनता की सेवा नहीं कर सकता या फिर क्या एक हिन्दू अधिकारी मुस्लिम जनता की सेवा नहीं कर सकता?
लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा करते हुए शाह ने कहा कि ओवैसी अधिकारियों को भी हिन्दू-मुस्लिम में बांटते हैं और खुद को धर्मनिरपेक्ष भी कहते हैं। दरअसल, ओवैसी ने जम्मू कश्मीर में आबादी के हिसाब से मुस्लिम अफसरों की संख्या कम होने का आरोप लगाया था।
केन्द्र सरकार सरकार ने शनिवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2021 को पेश किया, जिसमें मौजूदा जम्मू कश्मीर कैडर के IAS, IPS और IFS अधिकारियों को अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेशों के कैडर का हिस्सा बनाने का प्रावधान है। इसके साथ ही मौजूदा जम्मू कश्मीर कैडर के अधिकारी अब अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेशों (AGMU) कैडर का हिस्सा होंगे।