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आनंद महिंद्रा ने निभाया वादा, पेरिस पैरालंपिक विजेता शीतल देवी को तोहफे में दी स्कॉर्पियो-N

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हमें फॉलो करें आनंद महिंद्रा ने निभाया वादा, पेरिस पैरालंपिक विजेता शीतल देवी को तोहफे में दी स्कॉर्पियो-N

WD Feature Desk

, गुरुवार, 30 जनवरी 2025 (12:02 IST)
Anand Mahindra completes his promise, gifted Scorpio-N to Sheetal Devi: भारत की पैरा तीरंदाज शीतल देवी ने हाल ही में पेरिस पैरालिंपिक्स 2024 में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। उनकी इस उपलब्धि से प्रभावित होकर महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने उन्हें एक खास तोहफा दिया है। ये यह तोहफा उन्होंने शीतल देवी को अपना वादा पूरा करते हुए दिया। तोहफे में शीतल देवी को महिंद्र स्कॉर्पियो N गिफ्ट की गई है। आइये जानते हैं क्या है ये पूरी कहानी।  

आनंद महिंद्रा का वादा
शीतल देवी की कहानी बेहद प्रेरणादायी है। बिना हाथों के भी उन्होंने अपने हौसले और मेहनत के दम पर यह मुकाम हासिल किया है। उनकी कहानी से पूरे देश के साथ आनंद महिंद्रा भी काफी प्रभावित हुए थे। उन्होंने शीतल को एक नई महिंद्रा स्कॉर्पियो-एन गिफ्ट करने का वादा किया था।

वादा पूरा हुआ
हाल ही में आनंद महिंद्रा ने अपना वादा पूरा करते हुए शीतल देवी को एक नई स्कॉर्पियो-एन गिफ्ट की है। इस खास मौके पर शीतल देवी बेहद खुश नजर आईं। उन्होंने आनंद महिंद्रा का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह कार उनके लिए एक प्रेरणा है और वे आगे भी देश के लिए मेडल जीतती रहेंगी।

स्कॉर्पियो-एन की खासियत
महिंद्रा स्कॉर्पियो-एन एक दमदार एसयूवी है। इसमें कई शानदार फीचर्स हैं। इसकी शुरुआती कीमत 13 लाख रुपये से ज्यादा है। आनंद महिंद्रा ने शीतल के लिए स्पेशल कस्टमाइज्ड कार देने की भी बात कही है।

शीतल देवी की उपलब्धि
शीतल देवी ने पेरिस पैरालिंपिक्स 2024 में तीरंदाजी स्पर्धा के मिश्रित टीम इवेंट में कांस्य पदक जीता था। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से यह साबित कर दिया कि अगर हौसले बुलंद हों तो किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।

 प्रेरणा की कहानी
शीतल देवी की कहानी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है। शीतल का जन्म 2007 में फोकोमेलिया नामक एक दुर्लभ जन्मजात विकार के साथ हुआ था जिसके कारण उसके अंग अविकसित रह जाते हैं। इस बीमारी के कारण उसके हाथ पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाए। उन्होंने अपनी शारीरिक कमजोरी को अपनी ताकत बनाया और दुनिया को यह दिखा दिया कि कुछ भी असंभव नहीं है। 



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