नई दिल्ली। भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) ने आमतौर पर एचआईवी संक्रमण को नियंत्रित करने वाली दवाओं के मिश्रण के कोरोना वायरस पीड़ितों के इलाज के लिए सीमित मात्रा में इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
सरकारी सूत्रों के अनुसार शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान निकाय भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने डीजीसीआई से कोरोना वायरस पीड़ितों के इलाज के लिए दो दवाओं- लोपिनेविर और रिटोनेविर के मिश्रण के 'सीमित इस्तेमाल' की मंजूरी मांगी थी।
आईसीएमआर के एक अधिकारी ने कहा कि हमने अपने अलग-अलग शोधों में पाया कि यह कोरोना वायरस से निपटने में संभावित रूप से मददगार है। चीन और थाईलैंड में कोरोना वायरस के रोगियों के इलाज के लिए इन दोनों दवाओं को अन्य दवाओं के साथ मिलाकर नैदानिक परीक्षणों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। कोरोना वायरस चीन से फैलना शुरू हुआ है।
सरकारी सूत्र ने बताया कि डीजीसीआई ने सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल में कोरोना वायरस के इलाज के लिए आईसीएमआर द्वारा तैयार लोपिनेविर और रिटोनेविर दवाओं के मिश्रण के सीमित इस्तेमाल पर आपत्ति नहीं जताई है।
सूत्रों ने कहा कि किसी भी रोगी पर इन दवाओं के इस्तेमाल से पहले सहमति लेनी होगी। भारत में कोरोना वायरस के 3 मामले सामने आ चुके हैं। तीनों ही मामले केरल से सामने आए हैं। केरल में लगभग 2 हजार लोगों को अस्पतालों और घरों के अंदर निगरानी में रखा गया है। चीन के वुहान विश्वविद्यालय में मेडिकल के ये तीनों पीड़ित छात्र हाल ही में भारत लौटे हैं। तीनों केरल के रहने वाले हैं।