नई दिल्ली। पारंपरिक रूप से दिल्ली में आयोजित होने वाली सेना दिवस परेड को अगले साल बल की दक्षिणी कमान के अधिकार क्षेत्र में आने वाली किसी जगह स्थानांतरित कर दिया जाएगा। सूत्रों ने यह जानकारी देते सोमवार को कहा कि वार्षिक सेना परेड अगले साल दिल्ली के बाहर आयोजित की जाएगी। यह सेना की दक्षिणी कमान के अधिकार क्षेत्र में आने वाले किसी एक स्थान पर होगी।
फील्ड मार्शल के एम. करियप्पा के 15 जनवरी, 1949 को भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ के रूप में अपने ब्रिटिश पूर्ववर्ती की जगह लेने के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष सेना दिवस मनाया जाता है। औपचारिक कार्यक्रम पारंपरिक रूप से दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड ग्राउंड में आयोजित किया जाता है।
सेना के सूत्रों ने सोमवार को कहा कि वार्षिक सेना परेड अगले साल दिल्ली के बाहर आयोजित की जाएगी। यह सेना की दक्षिणी कमान के अधिकार क्षेत्र में आने वाले किसी एक स्थान पर होगी। कुछ खबरों में कहा गया है कि परेड अगले साल से अलग-अलग जगहों पर बारी-बारी से आयोजित की जाएगी।
हालांकि इस पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि 2023 की परेड के बाद भी यह व्यवस्था जारी रहेगी या नहीं? सेना दिवस परेड, 26 जनवरी को होने वाली वार्षिक गणतंत्र दिवस परेड के अलावा भारतीय सेना के सबसे प्रतिष्ठित आयोजनों में से एक है। इसमें पारंपरिक रूप से सेना प्रमुख और अन्य शीर्ष अधिकारी भाग लेते हैं।
भारतीय सेना की वेबसाइट के अनुसार दक्षिणी कमान आधिकारिक तौर पर 1 अप्रैल 1895 को अस्तित्व में आई और इसका मुख्यालय पुणे में है। दक्षिणी कमान में 2 कोर शामिल हैं जिनका मुख्यालय जोधपुर और भोपाल में है। कमान में 11 राज्य और 4 केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं और इसके दायरे में देश का लगभग 41 प्रतिशत भू-भाग आता है।
वेबसाइट के अनुसार इसकी संरचनाएं, प्रतिष्ठान और इकाइयां 19 छावनी और 36 सैन्य अड्डों में फैली हुई हैं। इससे पहले यह घोषणा की गई थी कि 8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस परेड चंडीगढ़ के वायुसेना स्टेशन पर आयोजित की जाएगी।(भाषा)