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अग्निपथ के खिलाफ बंद के दौरान छिटपुट प्रदर्शन, सेना ने पंजीकरण के लिए जारी की अधिसूचना

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, सोमवार, 20 जून 2022 (22:45 IST)
नई दिल्ली/पटना। सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना के खिलाफ आहूत 'भारत बंद' के दौरान सोमवार को कुछ क्षेत्रों में सड़क और रेल यातायात आंशिक रूप से प्रभावित रहा जबकि विरोध के चलते सुरक्षा में बढ़ोतरी और पाबंदियां लगाने के मद्देनजर कई राज्यों में प्रदर्शन कम होता नजर आया।
 
सेना ने जुलाई से अग्निपथ योजना के तहत नौकरी के आकांक्षी युवाओं के लिए अनिवार्य ऑनलाइन पंजीकरण को लेकर एक अधिसूचना जारी की। केंद्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के मोर्चा खोलने के बावजूद सरकार इस योजना को लागू करने के प्रति दृढ़ दिख रही है।
 
अग्निपथ योजना के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई जिसमें आरोप लगाया गया है कि सरकार ने सशस्त्र बलों के लिए वर्षों पुरानी चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया है, जो संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है और इसके लिए संसद की मंजूरी भी नहीं ली गई है। अधिवक्ता एमएल शर्मा द्वारा शीर्ष अदालत में दायर याचिका में विरोध प्रदर्शनों का हवाला देते हुए सबंधित अधिसूचना को अवैध और असंवैधानिक बताते हुए रद्द करने का अनुरोध किया गया है।
 
रेलवे ने सोमवार को 587 ट्रेन को रद्द कर दिया जबकि 10 अन्य का परिचालन विरोध प्रदर्शनों के कारण बाधित हो गया। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र हाजीपुर मुख्यालय वाले पूर्व मध्य रेलवे का है जहां लगभग 350 ट्रेन रद्द की गई हैं। अधिकारियों ने कहा कि बंद का आह्वान सोशल मीडिया पर किया गया था, हालांकि उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार संगठनों का नाम नहीं लिया।
 
सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना और राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ के विरोध में कांग्रेस के प्रदर्शन के कारण दिल्ली में कई जगहों पर लंबा जाम लग गया। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी, वरिष्ठ नेता सचिन पायलट, सलमान खुर्शीद, मल्लिकार्जुन खड़गे और के.सी. वेणुगोपाल ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
 
कांग्रेस की युवा इकाई के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय राजधानी में कनॉट प्लेस के निकट शिवाजी ब्रिज रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन को रोक दिया। पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने पटरी को खाली कराया और करीब आधे घंटे बाद ट्रेन की आवाजाही फिर से शुरू हुई।
 
नोएडा और गुरुग्राम के यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा क्योंकि वे शहर में वाहन चलाते समय सड़क जाम की समस्या से जूझ रहे थे जबकि राजधानी के अंदर विरोध का केंद्र बने 'लुटियंस दिल्ली' में जाम से आवाजाही पूरी तरह बाधित थी। कुछ संगठनों द्वारा 'भारत बंद' के आह्वान से मुख्य सड़कों पर यातायात अवरुद्ध हो गया, लेकिन शहर के बाजारों पर इसका प्रभाव नहीं दिखा और वहां सामान्य दिनों की तरह कारोबार जारी था।
 
विरोध प्रदर्शन और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने सीमा चौकियों पर वाहनों की जांच तेज कर दी थी। इससे लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में देरी हुई। बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश, केरल, असम और राजस्थान जैसे राज्यों ने भी सुरक्षा बढ़ा दी थी और बंद के दौरान संभावित प्रदर्शन और हिंसा को रोकने के लिए कुछ जिलों में निषेधाज्ञा लागू कर दी थी।
 
हरियाणा के अंबाला, रेवाड़ी और सोनीपत तथा पंजाब के लुधियाना, जालंधर और अमृतसर सहित रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया। हरियाणा, पंजाब और जम्मू के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुआ।
 
उत्तरप्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि अग्निपथ योजना के विरोध में 'भारत बंद' के आह्वान संबंधी मैसेज वायरल हुए थे जिसकी किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली थी। उन्होंने कहा कि इन संदेशों के मद्देनजर पुलिस सुबह से ही कानून-व्यवस्था कायम करने के लिए सक्रिय थी। उन्होंने कहा कि कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। कुमार ने कहा कि राज्य में कहीं भी भारत बंद के आह्वान का कोई असर नहीं पड़ा।
 
बंद के आह्वान के मद्देनजर झारखंड में 5,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया और राज्य भर में स्कूल बंद रहे। झारखंड पुलिस के प्रवक्ता और महानिरीक्षक (संचालन) अमोल वी होमकर ने पीटीआई-भाषा को बताया कि राज्य में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। रांची, जमशेदपुर, पलामू और अन्य जगहों पर दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले रहे। रांची रेलवे स्टेशन पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी और सुरक्षा बलों ने कोडरमा में 'फ्लैग मार्च' किया।
 
बिहार में भर्ती योजना के विरोध में पिछले दिनों बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। राज्य के 38 में से 17 जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं और विभिन्न स्थानों पर पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की भारी तैनाती की गई है।
 
विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि फैसले और सुधार अस्थाई रूप से अप्रिय हो सकते हैं लेकिन समय के साथ देश को उनका लाभ महसूस होगा। कर्नाटक में विभिन्न विकास कार्यों का उद्घाटन या शिलान्यास करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सुधारों का मार्ग ही हमें नए लक्ष्यों और नए संकल्प की ओर ले जा सकता है... हमने अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र को खोल दिया है जो दशकों तक सरकारी नियंत्रण में थे।
 
हालांकि राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अग्निपथ मुद्दे पर प्रधानमंत्री की 'चुप्पी' पर सवाल उठाया। अग्निपथ योजना पर रक्षा मंत्रालय में सेना की तीनों इकाइयों के संवाददाता सम्मेलन के एक दिन बाद खड़गे ने कहा कि 75 वर्षों में पहली बार, सरकार द्वारा नीतिगत निर्णय का बचाव करने के लिए सेना प्रमुखों को आगे किया गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रक्षामंत्री अग्निपथ योजना पर चुप क्यों हैं?
 
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भाजपा नई रक्षा भर्ती के जरिए अपना सशस्त्र कैडर आधार बनाने की कोशिश कर रही है। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने विधानसभा में कहा कि  भाजपा इस योजना के तहत अपना सशस्त्र कैडर आधार बनाने की कोशिश कर रही है। वे चार साल बाद क्या करेंगे? पार्टी युवाओं के हाथ में हथियार देना चाहती है।
 
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) सेना में भर्ती से जुड़ी अग्निपथ योजना के खिलाफ 24 जून को देशव्यापी प्रदर्शन करेगा। कृषि कानूनों के खिलाफ एसकेएम ने आंदोलन की अगुवाई की थी। बाद में कृषि कानून वापस ले लिए गए थे। इस बीच, महिंद्रा ग्रुप और टाटा संस जैसे प्रमुख कारोबारी समूहों ने सैन्य भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना का समर्थन करते हुए कहा कि इस योजना में युवाओं के लिए कॉरपोरेट क्षेत्र में भी रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।
 
एक अधिसूचना में सेना ने कहा कि नए मॉडल के तहत नौकरी के इच्छुक सभी युवाओं के लिए सेना की भर्ती वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य है जो जुलाई से शुरू होगी। सेना ने कहा कि अग्निवीर भारतीय सेना में एक अलग रैंक बनाया जाएगा, जो कि किसी भी अन्य मौजूदा रैंक से अलग होगा। सेना ने कहा कि अग्निवीर के लिए शासकीय गोपनीयता अधिनियम, 1923 के तहत किसी भी अनधिकृत व्यक्ति या स्रोत को चार साल की सेवा अवधि के दौरान प्राप्त विशिष्ट जानकारी का खुलासा करने पर रोक रहेगी।
 
केंद्र द्वारा पिछले मंगलवार को अग्निपथ योजना का अनावरण किए जाने के बाद भड़के हिंसक विरोध के सिलसिले में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है और विभिन्न कोचिंग सेंटर की भूमिका की जांच की जा रही है। सरकार ने इस योजना को सेना के युवा स्वरूप को बढ़ाने के लिए दशकों पुरानी चयन प्रक्रिया में एक बड़े बदलाव के रूप में पेश किया, लेकिन प्रदर्शनकारी यह दावा करते हुए इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं कि नौकरी की सुरक्षा और अन्य लाभ से वे वंचित होंगे।

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