नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेंगलुरु में सेना की 'अग्निपथ' भर्ती योजना पर चुप्पी तोड़ते हुए सोमवर को कहा कि सुधार कुछ समय के लिए खराब लग सकते हैं, लेकिन लंबे वक्त में सुधार अच्छे साबित होंगे। उनसे इससे देश को फायदा होगा। हालांकि उन्होंने सीधे शब्दों में 'अग्निपथ' योजना का नाम नहीं लिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सुधार कुछ समय के बुरे लग सकते हैं, लेकिन लंबे समय में उन सुधारों का देश को फायदा ही होगा। हम सुधार के रास्ते से ही नए लक्ष्य की तरफ बढ़ सकेंगे।
मोदी ने बेंगलुरु की विकास परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि जिन कामों को 40 साल पहले पूरा हो जाना था, वे आज तक लंबित हैं और अब इन्हें हमें पूरा करना है।
स्वास्थ्य सेवा को महत्व दें : मोदी ने कहा कि हर देश को स्वास्थ्यसेवा को सर्वाधिक महत्व देना चाहिए। उन्होंने यह बात मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र (सीबीआर) का उद्घाटन करने और यहां एक मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल की नींव रखने के बाद कही।
भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) परिसर में 280 करोड़ रुपए की लागत से बने मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र (सीबीआर) का उद्घाटन किया, जिसकी आधारशिला उन्होंने स्वयं रखी थी। उन्होंने कहा कि सीबीआर का उद्घाटन करके उन्हें बहुत खुशी हुई।
मोदी ने कहा कि यह खुशी इसलिए और भी बड़ी है, क्योंकि इस परियोजना की नींव रखने का सम्मान भी मुझे ही मिला था। यह केंद्र मस्तिष्क संबंधी विकारों के प्रबंधन संबंधी अनुसंधान में अग्रणी रहेगा।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआर को अपनी तरह के एक अलग अनुसंधान केंद्र के रूप में विकसित किया गया है और इसमें उम्र से संबंधित मस्तिष्क विकारों के समाधान के लिए साक्ष्य-आधारित जन स्वास्थ्य उपचार मुहैया कराने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण अनुसंधान करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।