केरल के वायनाड जिले में बचाव अभियान के लिए तैनात सेना ने भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से स्थायी अवसंरचना बह जाने के बाद एक अस्थायी पुल की मदद से करीब 1000 लोगों को बचाने में कामयाबी हासिल की है। उन्होंने अंधेरा होने की वजह से बचाव कार्य को रोकने का भी सुझाव दिया।
डीएससी सेंटर के कमांडेंट कर्नल परमवीर सिंह नागरा ने बताया कि सेना पिछले 15 दिन से अलर्ट पर थी और पहाड़ी जिले में विनाशकारी भूस्खलन के बाद मंगलवार सुबह केरल सरकार ने उससे संपर्क किया।
उन्होंने पीटीआई से कहा कि यह एक बड़ी आपदा थी और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) तथा राज्य की टीम भी सक्रिय रूप से शामिल हैं तथा नौसेना और वायुसेना भी समान रूप से योगदान दे रही हैं। कर्नल नागरा ने बताया कि बचाव अभियान के लिए नयी दिल्ली से कुछ खोजी कुत्ते भी लाए जा रहे हैं। कुछ पुल उपकरण भी रास्ते में हैं।
उन्होंने कहा कि पुल बह गया है। इसलिए पुल काफी महत्वपूर्ण है, अब एक अस्थायी पुल बनाया गया है। इसके साथ ही, लगभग 1000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कुछ शव भी निकाले गए हैं। अब भी 18 से 25 लोग फंसे हैं।
रात हो जाने तथा अंधेरे में बचाव कार्य जारी रखने में किसी प्रकार की कठिनाई आने के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में सैन्य अधिकारी ने कहा, हम समन्वय बैठक कर रहे हैं। उसके बाद कल के लिए कार्रवाई तय की जाएगी। जब तक पुल बनकर तैयार नहीं हो जाता, तब तक अस्थायी पुल नागरिकों के लिए सुरक्षित नहीं है। इसलिए मेरा सुझाव है कि हमें प्रयास जारी रखना चाहिए। दिन के उजाले के बाद हमें प्रयास शुरू करने चाहिए। इनपुट भाषा