जेटली की याचिका पर कोर्ट ने मांगा केजरीवाल से जवाब

Webdunia
मंगलवार, 23 मई 2017 (19:43 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की ओर से दायर 10 करोड़ रुपए के ताजा मानहानि मामले में मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से जवाब मांगा। जेटली ने यह मामला केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी द्वारा हाल में कथित आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल किए जाने को लेकर दायर किया है।
 
संयुक्त रजिस्ट्रार पंकज गुप्ता ने केजरीवाल को नोटिस जारी किया जिसमें उनसे पूछा गया है कि उनके खिलाफ मानहानि की कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 26 जुलाई की तारीख निर्धारित कर दी। तब तक केजरीवाल को जवाब देना होगा।
 
वित्त एवं रक्षामंत्री जेटली ने आम आदमी पार्टी के मुखिया तथा पार्टी के पांच अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ मानहानि की कार्यवाही के दौरान खुली अदालत में जेठमलानी द्वारा अपने खिलाफ कथित गाली का इस्तेमाल किए जाने के बाद मानहानि का यह दूसरा मामला दायर किया है।
 
उच्च न्यायालय में 17 मई को मंत्री से जिरह के दौरान जेठमलानी ने कुछ ऐसी बातें कही थीं जिन्हें जेटली ने आपत्तिजनक पाया था। (भाषा) 
Show comments

जरूर पढ़ें

Pakistan को पस्त करने की पूरी तैयारी, DRDO ने किया MIGM मिसाइल का परीक्षण, रक्षा मंत्री ने दी बधाई

54 साल बाद देश में युद्ध वाली मॉक ड्रिल, गृह मंत्रालय के राज्यों को निर्देश, 7 मई ब्लैक आउट एक्सरसाइज, नागरिकों और छात्रों को ट्रेनिंग

उड़ जाएंगे Pakistan के होश, क्या भारत के प्लान में शामिल हैं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

Moodys की चेतावनी से उड़ी Pakistan की नींद, जंग लड़ी तो तबाही तय, भारत पर क्या होगा असर

भारत की प्रमुख रक्षा प्रणालियां जो दुश्मन की मिसाइलों, लड़ाकू विमानों सहित किसी भी हमले को करेंगी नाकाम

सभी देखें

नवीनतम

पहलगाम आतंकी हमले की खबर PM मोदी को थी, इसलिए रद्द किया जम्मू-कश्मीर का दौरा, खूफिया एजेंसियां क्यों हुई फेल, खरगे ने उठाया सवाल

राहुल गांधी ने की पहलगाम में मारे गए विनय नरवाल के परिजनों से मुलाकात, परिवार को दी सांत्वना

Free में होगा रोड एक्सीडेंट के घायलों का इलाज, मोदी सरकार की नई स्कीम

खरगे ने की सुरक्षाबलों का मनोबल गिराने के लिए पीएम मोदी की आलोचना, किसने कहा ऐसा

जाति आरक्षण Train Compartment जैसा, जो लोग इसमें चढ़ गए.... सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत की तीखी टिप्पणी

अगला लेख