कालाधन विदेशों में पड़ा हुआ है, भारत में नहीं : अरुण शौरी

Webdunia
शनिवार, 28 जनवरी 2017 (23:42 IST)
हैदराबाद। राजग सरकार के नोटबंदी अभियान को आड़े हाथ लेते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पत्रकार अरुण शौरी ने शनिवार को हैरानगी जताई कि यह कदम कालाधन पर रोक लगाने में कैसे मदद करेगा, जबकि वह विदेशों में पड़ा हुआ है।
उन्होंने यहां हैदराबाद साहित्य उत्सव में कहा, जिनके पास कालाधन है, क्या वह उसे रुपए  के रूप में भारत में रखे हुए हैं? जिनके पास कालाधन है, वे इसे विदेशों में रखे हुए हैं। वे कंपनियां खरीदते हैं, वे एस्टेट खरीदते हैं। डेंगू का यह मच्छर स्विटजरलैंड में उड़ रहा है और आप यहां छड़ी भांज रहे हैं। शौरी ने दावा किया कि लोग ठीक से नहीं जानते कि नोटबंदी कालाधन पर नियंत्रण लगाने में मदद करेगा या नहीं?
 
उन्होंने कहा, कोई विचार इसलिए वैध नहीं हो जाता कि लोगों ने इसके लिए वोट डाला है। लोग नहीं जानते। वे नोटबंदी के गुण-दोष नहीं जानते। वे नहीं जानते कि यह वास्तव में कालाधन के खिलाफ है या इसने वास्तव में अधिक कालाधन पैदा किया है। 
 
उन्होंने कहा, वे लोग नहीं जानते कि 15. 50 लाख करोड़ रुपए खत्म हो गए और यह कहा जा रहा है यह आतंकी धन के लिए था या नकली नोट थे जो 0.02 फीसदी होगा, जैसा कि सरकार ने खुद संसद में जवाब दिया है। वे लोग नहीं जानते..फिर यह जीएसटी के लिए है। नकदी रहित होने में बड़ी चीज क्या है। उन्होंने कहा कि पिछले छह-सात बरसों में मुख्य कार्य निजी निवेश में नई जान फूंकना रहा है।
 
शौरी ने कहा कि यह इस सरकार के लिए मुख्य कार्य था। इसके लिए उन्हें बैंकों पर काम करना था और उन्हें कर दर से कहीं अधिक कर प्रशासन पर काम करना था। इन दो चीजों पर पिछले ढाई साल में कुछ नहीं किया गया। यह हमारी समस्या की जड़ है।
 
उन्होंने यह भी कहा कि गैर उत्पादक परिसंपत्तियों पर जन संसाधनों को नष्ट किया जा रहा है। सवाल यह है कि आप उत्पादक परिसंपत्तियों के विस्तार के लिए क्या कर रहे हैं। (भाषा)
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