नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अनावश्यक रूप से हर किसी को परेशान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल, सीबीआई और भाजपा ने कथित शराब घोटाले में अलग-अलग रकम बताई है लेकिन उन्हें अब भी समझ नहीं आया कि शराब घोटाला क्या है?
उनकी यह टिप्पणी तब आई है, जब ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं की मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तौर पर देशभर में करीब 40 स्थानों पर छापे मारे हैं। यह नीति अब वापस ले ली गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आंध्रप्रदेश में नेल्लोर तथा कुछ अन्य शहरों, कर्नाटक, तमिलनाडु और दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शराब कारोबारियों, वितरकों और आपूर्ति श्रृंखला के नेटवर्क पर छापे मारे जा रहे हैं।
केजरीवाल ने कहा कि उनके (भाजपा के) एक नेता ने कहा कि यह 8,000 करोड़ रुपए का घोटाला है, उपराज्यपाल ने कहा कि यह 144 करोड़ रुपए का घोटाला है और सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि यह 1 करोड़ रुपए का घोटाला है। मुझे समझ नहीं आता कि शराब घोटाला है क्या?
उन्होंने कहा कि देश इस तरह से उन्नति नहीं कर सकता है। वे अनावश्यक रूप से हर किसी को परेशान कर रहे हैं। ईडी का आबकारी नीति से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक प्राथमिकी पर आधारित है जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कुछ नौकरशाहों को आरोपियों के तौर पर नामजद किया गया है।
ईडी इस बात की तफ्तीश कर रहा है कि क्या पिछले साल नंवबर में लाई गई दिल्ली आबकारी नीति के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताएं बरती गईं? सीबीआई ने 19 अगस्त को इस मामले में सिसोदिया (50), भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी और दिल्ली के पूर्व आबकारी आयुक्त आरव गोपीकृष्ण के दिल्ली स्थित आवास तथा 7 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 19 अन्य स्थानों पर छापे मारे थे।(भाषा)