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HC के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी AAP, क्या केजरीवाल को मिल पाएगी राहत

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , मंगलवार, 9 अप्रैल 2024 (22:52 IST)
दिल्ली हाईकोर्ट से कोई राहत पाने में असफल होने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।
 
‘आप’ ने साथ ही दावा किया, ‘तथाकथित आबकारी नीति घोटाला केजरीवाल और उनकी पार्टी को खत्म करने की सबसे बड़ी राजनीतिक साजिश है।’’
 
ईडी ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में केजरीवाल को गिरफ्तार किया है।
हाईकोर्ट का फैसला आने के कुछ देर बाद ही आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय मामले में अरविंद केजरीवाल को वैसी ही राहत देगा, जैसी उसने पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को जमानत देकर दी थी।
 
भारद्वाज ने कहा कि हम हाईकोर्ट का संस्था के तौर पर आदर करते हैं, लेकिन सम्मान के साथ कहना चाहते हैं कि हम उसके आदेश से सहमत नहीं हैं और उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।’’
 
उन्होंने आरोप लगाया कि तथाकथित आबकारी नीति घोटाला पार्टी और केजरीवाल को खत्म करने की देश की सबसे बड़ी राजनीतिक साजिश है।
 
उन्होंने दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ‘तथाकथित आबकारी नीति मामले’ में अवैध धन का एक रुपया भी बरामद करने में विफल रहे हैं।
 
भारद्वाज ने कहा कि पूरा मामला धनशोधन से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह देश की सबसे बड़ी राजनीतिक साजिश है। यह अरविंद केजरीवाल एवं दिल्ली और पंजाब में आप सरकार को कुचलने और खत्म करने की साजिश है।
 
दिल्ली हाईकोर्ट ने इससे पहले केजरीवाल की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने 21 मार्च को ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी को चुनौती दी थी।
 
हाईकोर्ट का फैसला लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल की अनुपस्थिति में अपनी गतिविधियों को व्यवस्थित करने की कोशिश कर रही ‘आप’ के लिए एक झटका साबित हो सकता है।
 
केजरीवाल ने 21 मार्च को अपनी गिरफ्तारी से लगभग एक पखवाड़े पहले दिल्ली में ‘आप’ का लोकसभा अभियान ‘‘संसद में भी केजरीवाल, तो दिल्ली होगी और खुशहाल’’ के नारे से शुरू किया था।
 
सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने अब अपनी रणनीति में बदलाव किया है और मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के मद्देनजर कथित सहानुभूति लहर का चुनावी लाभ उठाने के लिए एक नया नारा ‘जेल का जवाब, वोट से’ दिया है।
 
‘आप’ दिल्ली, पंजाब, गुजरात, असम और हरियाणा की कुल 22 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रही है और केजरीवाल को पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करना था।
 
उनकी अनुपस्थिति में, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और दिल्ली की मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज सहित पार्टी के अन्य नेताओं को कमान संभालनी होगी।
 
‘आप’ सूत्रों ने बताया कि संजय सिंह और मान ने दिन में पंजाब के मंत्रियों और आप विधायकों के साथ बैठक की। केजरीवाल की अनुपस्थिति में उन पर पार्टी के चुनाव अभियान को चलाने की बड़ी जिम्मेदारी है।
 
आप ने अभी तक पार्टी के चुनाव प्रचार में अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल की भूमिका को स्पष्ट नहीं किया है। हालांकि, सुनीता केजरीवाल 31 मार्च को यहां रामलीला मैदान में ‘इंडिया’ गठबंधन की रैली में शामिल हुई थीं।
आप नेता जैसमीन शाह ने प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि ‘‘दो साल से जांच चल रही है, लेकिन एक रुपया भी बरामद नहीं हुआ। लेकिन क्या होता है? आप एक साजिश के तहत एक राष्ट्रीय पार्टी के शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार कर जेल में डाल देते हैं।’’
 
न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘अदालत का मानना ​​है कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन नहीं है। रिमांड को अवैध नहीं ठहराया जा सकता।’’
 
केजरीवाल ने गिरफ्तारी के साथ-साथ मामले में उन्हें ईडी की हिरासत में भेजने को भी चुनौती दी थी। वह इस समय न्यायिक हिरासत में हैं।
 
यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार तथा धनशोधन से संबंधित है। संबंधित नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था।
 
धन शोधन रोधी एजेंसी की दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा देने से उच्च न्यायालय के इनकार के कुछ ही घंटे बाद ईडी ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था।
 
ईडी की हिरासत की अवधि समाप्त होने पर निचली अदालत में पेश किए जाने के बाद उन्हें एक अप्रैल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था और वह इस समय तिहाड़ जेल में हैं। भाषा

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