Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

बड़ी खबर, बलात्कार मामले में आसाराम को उम्रकैद

Advertiesment
हमें फॉलो करें Asaram rape case verdict
जोधपुर , बुधवार, 25 अप्रैल 2018 (14:36 IST)
जोधपुर। जोधपुर अदालत ने आसाराम को एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में आज दोषी करार दिया। एक साल के भीतर यह दूसरा मामला है जब किसी स्वयंभू बाबा को बलात्कार के मामले में दोषी करार दिया गया है। अदालत ने इस मामले में आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई। उस पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। आसाराम की प्रवक्ता नीलम दुबे ने कहा कि अदालत के फैसले को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। 

अदालत ने आसाराम के अनुयायी शिल्पी और शरद को भी 20-20 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों पर ही 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। 
 
यौन उत्पीड़न, मुख्यतौर पर नाबालिग से बलात्कार करने के बिंदुओं पर जिरह के बाद विशेष न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर सेंट्रल जेल परिसर में अपना फैसला सुनाया। 77 वर्षीय आसाराम यहां चार से अधिक वर्षों से बंद हैं।
 
अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति मामलों की विशेष अदालत ने दो अन्य आरोपियों शिल्पी और शरद को भी दोषी करार दिया और अन्य दो प्रकाश और शिव को रिहा कर दिया। कड़ी सुरक्षा के बीच जेल परिसर में सजा की अवधि पर जिरह जारी है।
 
राजस्थान उच्च न्यायालय ने निचली अदालत को जोधपुर सेंट्रल जेल परिसर में फैसला सुनाने का आदेश दिया था।
 
साबरमती नदी के किनारे एक झोंपड़ी से शुरुआत करने से लेकर देश और दुनियाभर में 400 से अधिक आश्रम बनाने वाले आसाराम ने चार दशक में 10,000 करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा कर लिया था।
 
आसाराम और शिव, शिल्पी, शरद और प्रकाश के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम और भादंवि की विभिन्न धाराओं के तहत छह नवंबर 2013 को पुलिस ने आरोपपत्र दायर किया था।
 
पीड़िता ने आसाराम पर उसे जोधपुर के नजदीक मनाई इलाके में आश्रम में बुलाने और 15 अगस्त 2013 की रात उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया था।
 
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली पीड़िता मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी।
 
फैसले के बाद पीड़िता के पिता ने कहा, 'हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था और हमें खुशी है कि न्याय मिला।' उन्होंने कहा कि परिवार लगातार दहशत में जी रहा था और इसका उनके व्यापार पर भी काफी असर पड़ा।
 
कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर केन्द्र ने राजस्थान, गुजरात और हरियाणा सरकारों से सुरक्षा कड़ी करने और अतिरिक्त बल तैनात करने को कहा था। तीनों राज्यों में आसाराम के बड़ी संख्या में अनुयाई हैं।
 
केंद्रीय गृह मंत्रालय का यह परामर्श डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पिछले साल अगस्त में बलात्कार के मामले में सजा सुनाए जाने के बाद हरियाणा, पंजाब तथा चंडीगढ़ में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के मद्देनजर भेजा गया। उस समय हुई हिंसा में 13 लोग मारे गए थे। अदालत ने वर्ष 2002 के बलात्कार के एक मामले में रहीम को 20 साल की सजा सुनाई थी।
 
आसाराम मामले में अंतिम सुनवाई अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति मामलों की विशेष अदालत में सात अप्रैल को पूरी हो गई थी और फैसला 25 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रखा गया था।
 
आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार कर एक सितंबर 2013 को जोधपुर लाया गया था और दो सितंबर 2013 से वह न्यायिक हिरासत में है।
 
आसाराम पर गुजरात के सूरत में भी बलात्कार का एक मामला चल रहा है जिसमें उच्चतम न्यायालय ने अभियोजन पक्ष को पांच सप्ताह के भीतर सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया था। आसाराम ने 12 बार जमानत याचिका दायर की, जिसे छह बार निचली अदालत ने, तीन बार राजस्थान उच्च न्यायालय और तीन बार उच्चतम न्यायालय ने खारिज किया।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

इंदौर में विवाह समारोह से लाखों रुपए और गहनों से भरा बैग उड़ाया (वीडियो)