AstraZeneca की वैक्सीन पर रोक लगाने का नहीं कोई कारण

Webdunia
शुक्रवार, 12 मार्च 2021 (18:45 IST)
यूरोप के कई देशों की ओर से एस्‍ट्रा जैनेका की कोरोना वैक्सीन पर रोक लगाने के बीच विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने कहा है कि ऐसा करने की कोई वजह नहीं है।

गौरतलब है कि खून के थक्‍के के चलते कई यूरोपीय देशों ने एस्‍ट्रा जैनेका वैक्‍सीन के उपयोग को रोक दिया है। डब्‍लूएचओ की प्रवक्‍ता माग्ररेट हैरिस ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'हां, हमें इस वैक्‍सीन का उपयोग करना जारी रखना चाहिए'

उन्‍होंने कहा, 'AstraZeneca बेहतरीन वैक्‍सीन है, उन्‍हीं वैक्‍सीन की तरह जो इस्‍तेमाल की जा रही हैं' उन्‍होंने कहा, 'हम मौत के डाटा की समीक्षा कर रहे हैं। वैक्‍सीन के कारण कोई भी मौत को आज की तारीख तक साबित नहीं हुई है'

गौरतलब है कि डेनमार्क, नार्वे और आइसलैंड ने एस्‍ट्रा जैनेका कोविशील्ड के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। कोविड-19 वैक्सीन लेने वाले कुछ लोगों में खून का थक्का जमने की चिंताओं के बाद यह निर्णय किया गया है।
वैसे, यूरोप की दवा निर्माता कंपनियों के नियामक ने जोर देकर कहा है कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है।

डेनमार्क ने एस्‍ट्रा जैनेका के इस्तेमाल पर सबसे पहले रोक लगाई थी। डेनमार्क के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि ऐहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है। अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा गया है कि वैक्सीन और रक्त के थक्के जमने की बीच कोई संबंध है।

एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया और लग्जमबर्ग पहले ही एस्‍ट्रा जैनेका के टीके से वैक्सीनेशन के अभियान को निलंबित कर चुके हैं। यह वैक्सीन 17 यूरोपीय देशों में भेजी गई थी।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख