भारत के पूर्व प्रधानमंत्री 'भारत रत्न' अटल बिहारी वाजपेयी को लेकर ऐसी चर्चाएं सामने आती थीं कि वे अपनी युवावस्था में कम्युनिस्ट विचारधारा से प्रभावित थे। एक इंटरव्यू में अटलजी ने साफ किया था कि वे जीवन में कभी कम्युनिस्ट नहीं रहे।
रजत शर्मा को दिए एक इंटरव्यू में अटल बिहारी वाजपेयी ने साफ किया था कि वे जीवन में कभी भी कम्युनिस्ट नहीं रहे। हालांकि उन्होंने कम्युनिस्ट साहित्य जरूर पढ़ा है। अटलजी ने यह भी कहा था कि 'एक बालक के नाते मैं आर्यकुमार सभा का सदस्य बना था। अटलजी ने कहा कि इसके बाद मैं आरएसएस के संपर्क में आया।
अटलजी का कहना था कि कम्युनिज्म को मैंने एक विचारधारा के रूप में पढ़ा। मैं कभी कम्युनिस्ट पार्टी का सदस्य नहीं रहा लेकिन छात्र आंदोलन में मेरी हमेशा रुचि थी और कम्युनिस्ट एक ऐसी पार्टी थी जो छात्रों को संगठित करके आगे बढ़ती थी। मैं उनके संपर्क में आया और कॉलेज की छात्र राजनीति में भाग लिया। वे कहते थे एकसाथ 'सत्यार्थ प्रकाश' और कार्ल मार्क्स पढ़ा जा सकता है, दोनों में कोई अंतर्विरोध नहीं है।