जम्मू। कश्मीर पुलिस ने दावा किया है कि एक दिन पहले श्रीनगर के लावेपोरा में हुए आतंकी हमले को सुलझा लिया गया है और आतंकियों को मार गिराना बाकी है। उन्होंने इस हमले में मदद करने वालों को हिरासत में लेने का दावा किया है। इस हमले में सीआरपीएफ के 2 जवान शहीद हो गए थे, जबकि 2 अन्य घायल हैं।
पुलिस का दावा है कि इस मामले को हल करके 2 ओवरग्राउंड वर्कर को हिरासत में लिया गया है। यही नहीं हमले की साजिश रचने वाले लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी की भी पहचान कर ली गई है, वहीं हमला करने के लिए इस्तेमाल की गई गाड़ी भी पुलिस ने जब्त कर ली है।
कश्मीर के आईजीपी विजय कुमार ने आरटीसी हुमहामा में आज सुबह सीआरपीएफ के शहीद हुए जवानों को श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद कहा कि नदीम अबरार का रिश्तेदार मुजफ्फर मीर एक लश्कर कमांडर है जो इसमें शामिल है और उसने यह साजिश रची थी।
जावेद और मुजफ्फर को इस हमले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। इनके साथ दो विदेशी आतंकी भी थे जो इस हमले में शामिल रहे हैं। पुलिस ने आतंकियों के दो मददगारों को हिरासत में लिया है। आईजी सीआरपीएफ चारू सिन्हा ने कहा कि मैं कश्मीरी लोगों से कहना चाहूंगी कि वह सौहार्द का रास्ता अपनाएं।
हमले की जिम्मेदारी नए आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली है। शहीद एसआई त्रिपुरा और चालक हिमाचल प्रदेश के कागड़ा के रहने वाले हैं। श्रीनगर पुलिस और बांडीपोरा पुलिस ने हमले के बाद से ही लगातार इसे अंजाम देने वालों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया था।
इस हमले को अंजाम देने वाले तीनों आतंकियों की पहचान चौबीस घंटे पहले ही कर ली गई। दो ओवरग्राउंड वर्कर जिनकी पहचान मुजफ्फर अहमद मीर और जावेद अहमद शेख के रूप में हुई है, उन्होंने लश्कर के आतंकी नदीन अबरार भट उर्फ अबू बरार निवासी नरवाल बडगाम को हमला करने के लिए हथियार उपलब्ध करवाए।
नदीन ओवरग्राउंड वर्कर मुजफ्फर का नजदीकी रिश्तेदार है। आईजीपी ने कहा कि तीनों ने इस पूरे क्षेत्र की हमला करने से पहले रैकी की। उसके बाद वीरवार दोपहर को हमले को अंजाम दिया। हमले के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और सबसे पहले जावेद शेख को मारुति कार नंबर एचआर-10क्यू-6583 के साथ गिरफ्तार किया।
गाड़ी में से कुछ खाली कारतूस भी बरामद हुए। उससे पूछताछ करने के बाद मुजफ्फर को हिरासत में लिया गया। दोनों से हुई लंबी पूछताछ के बाद पुलिस ने लश्कर के आतंकी नदीन और उसके दो विदेशी साथियों को पकड़ने के लिए छापेमारी की परंतु उन्हें मुजफ्फर और जावेद की गिरफ्तारी का पता चल गया था, इसलिए वह भाग निकले।
आईजीपी विजय कुमार ने दावा किया कि दोनों ओवरग्राउंड वर्करों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि हमले वाली जगह से जो एके-47 राइफल गायब है, वह भी उन्होंने ही उठाई थी। आईजीपी ने कहा कि जल्द ही नदीन और उसके साथियों को हिरासत में ले लिया जाएगा या फिर मुठभेड़ में मार गिराया जाएगा।